Liquor Price : शराब प्रेमियों के लिए बड़ी खबर, आज से प्रीमियम ब्रांड की शराब सस्ती; ये हुई महंगी
Liquor Price : शराब प्रेमियों को लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। झारखंड में एक सितंबर से रांची सहित राज्यभर में नई उत्पाद नीति लागू हो जाएगी। नई नीति के तहत शराब की बिक्री निजी हाथों में चली जाएगी। मंत्रिपरिषद द्वारा नई शराब नीति को मंजूरी स्वीकृति मिलने और दुकान आवंटन की टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद राज्य में शराब की बिक्री की जानी है।
प्रीमियम ब्रांड हुए सस्ते
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों यथा दिल्ली, कोलकाता से आने वाली प्रीमियम ब्रांड की शराब की बिक्री से राज्य सरकार के राजस्व में पहले नुकसान होता था, वह अब नहीं होगा। उक्त राज्यों की तर्ज पर अब झारखंड में भी प्रीमियम ब्रांडों की शराब मिलेगी। ऐसे में नई व्यवस्था के बाद राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि रेगुलर ब्रांड के दाम में जो थोड़ा सा इजाफा हुआ है, उस पर विभाग द्वारा मंथन किया जा रहा है कि कैसे उपभोक्ताओं की जेब पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़े। नई शराब नीति को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए मंत्री ने कहा कि वैट घटाने से प्रीमियम ब्रांडों के दाम में कमी हुई है।
विभाग के स्तर पर समीक्षा जारी
शराब दुकानों के आवंटन में अपनाई गई लॉटरी प्रक्रिया की पारदर्शिता और इससे राजस्व में हुई बढ़ोतरी के पूछे सवाल पर भी उत्पाद मंत्री ने अपनी बातों को रखा। उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ोतरी पर अभी विभाग के स्तर पर समीक्षा की जा रही है। करीब 7500 आवेदनकर्ता आए थे। आवेदनकर्ता द्वारा दी गई राशि में करीब 1000 करोड़ रुपए विभाग को मिले हैं।
1000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलना तय
इसमें आवेदन शुल्क, दो प्रतिशत की जमा राशि आदि शामिल है। विभाग के स्तर पर अगले दो से तीन दिनों में यह समीक्षा की जाएगी कि कितनी राशि वापस करनी होगी। कितना एडजस्ट करना होगा। उसके बाद ही यह बताना संभव होगा कि विभाग को कितनी राशि राजस्व के रूप में मिली है। हालांकि मंत्री ने उम्मीद जताई है कि दुकानों की बंदोबस्ती के बाद विभाग को 1000 करोड़ रुपए तक का राजस्व मिलना तय है।
बाबूलाल के आरोपों पर भी मंत्री ने रखा पक्ष
भाजपा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के लगाए आरोपों पर मंत्री ने कहा कि एसीबी विभाग से जबरन फाइल लेकर नहीं गई है। अगर जबरदस्ती कोई फाइल ले जाएगा, तो विभाग उस पर एफआईआर जरूर करेगा। एसीबी चल रहे अनुसंधान के क्रम में सीज करके फाइल ले गई है। इसमें सामान्य और सरल प्रक्रिया को अपनाया गया है। ऐसे में भाजपा नेता को कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

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