सोनभद्र में सी एस आर फंड के उपयोग पर डीएम की बैठक, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता पर जोर

औद्योगिक इकाईयों के द्वारा प्रस्तावित्त सी०एस०आर० के कार्यों की स्वीकृति/अनुमोदन जनपद स्तरीय समिति के द्वारा किया जाये-जिलाधिकारी

सोनभद्र में सी एस आर फंड के उपयोग पर डीएम की बैठक, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता पर जोर

किसी भी परियोजना का चयन तथा उसका क्रियान्वयन जनपद स्तरीय समिति के अनुमोदन के बिना ना किया जायें-जिलाधिकारी

अजित सिंह / राजेश तिवारी  ( ब्यूरो रिपोर्ट ) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-

 जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने जिले में औद्योगिक इकाइयों द्वारा किए जा रहे सी एस आर कार्यों की स्वीकृति, अनुमोदन और निगरानी के संबंध में सख्त दिशा-निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कंपनी अधिनियम 2015 की धारा 135 के तहत, ऐसी हर कंपनी जिसका नेटवर्थ ₹500 करोड़ या उससे अधिक है, या टर्नओवर ₹1000 करोड़ या उससे अधिक है, या फिर नेट प्रॉफिट ₹5 करोड़ या उससे अधिक है, उसे पिछले तीन वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2 प्रतिशत CSR गतिविधियों पर खर्च करना होगा।

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उन्होंने जोर देकर कहा कि इस धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से सोनभद्र के गांवों और शहरों में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और जल उपलब्धता जैसे क्षेत्रों में किया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का बेहतर विकास हो सके। जिलाधिकारी ने सभी औद्योगिक इकाइयों को निर्देश दिया कि CSR के तहत किसी भी परियोजना का चयन और क्रियान्वयन बिना जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के नहीं किया जाएगा। उन्होंने उपायुक्त उद्योग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वर्तमान CSR इकाइयों के अलावा, यदि कोई अन्य इकाई भी मानदंडों के अंतर्गत आती है, तो उसे भी डेटाबेस में शामिल किया जाए।

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IMG-20250811-WA0503उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO) या किसी अन्य संस्था से प्राप्त किसी भी CSR प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। किसी भी औद्योगिक इकाई को व्यक्तिगत तौर पर किसी विभाग, अधिकारी या संस्थान से प्राप्त प्रस्ताव पर सीधे कार्रवाई नहीं करनी है। सभी प्रस्तावों का विवरण उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र, सोनभद्र को उपलब्ध कराना होगा और इसे पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा।

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इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, उपायुक्त उद्योग केशव यादव, और अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित कई अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक से यह साफ है कि जिला प्रशासन CSR फंड के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इसका लाभ सीधे तौर पर जनपद के विकास में दिख सके।

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