सोनभद्र में चकबंदी अनियमितता के खिलाफ किसानों के धरने को जन अधिकार पार्टी का समर्थन
घोरावल तहसील के अन्तर्गत चकबंदी को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी, प्रशासन मौन
जन अधिकार पार्टी ने किसानों को दिया समर्थन
राजेश तिवारी (क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट)
सोनभद्र जनपद के घोरावल तहसील के अंतर्गत ग्राम भैंसवार में 1986 से चल रही चकबंदी प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं और भू-माफियाओं से अधिकारियों की मिलीभगत के विरोध में किसानों का धरना प्रदर्शन 45वें दिन भी जारी है। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष बिरजू कुशवाहा के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन को अब जन अधिकार पार्टी का भी समर्थन मिल गया है।
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Read More माँ अन्नपूर्णा रसोई के दो वर्ष पूर्ण होने पर वार्षिकोत्सव कर दानदाताओं का सम्मान किया गया।जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष आदित्य मौर्य की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने धरना स्थल पर पहुंचकर बिरजू कुशवाहा को पार्टी की ओर से समर्थन पत्र सौंपा। इस दौरान जन अधिकार पार्टी के प्रमुख प्रदेश महासचिव भागीरथी सिंह मौर्य ने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मौजूदा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
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भागीरथी सिंह मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि 1986 में शुरू हुई चकबंदी का अब तक पूरा न होना सीधे तौर पर संबंधित अधिकारियों की भू-माफियाओं से मिलीभगत को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी किसानों की जमीन के साथ गोलमाल करना चाहते हैं और उच्चाधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने प्रशासन और सरकार द्वारा 45 दिनों बाद भी किसानों के इस प्रदर्शन का संज्ञान न लेने को 'सौतेला व्यवहार' बताया, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है और इसे जन अधिकार पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष आदित्य मौर्य ने मांग की कि 1986 से चल रही चकबंदी प्रक्रिया को तत्कालीन जिलाधिकारी सोनभद्र के 1992 के आदेश के अनुसार शून्य मानकर नए सिरे से चकबंदी कराई जाए।मंडल उपाध्यक्ष विजयमल मौर्य और मंडल सचिव श्रीपति विश्वकर्मा ने भी निष्पक्ष और न्यायपूर्ण चकबंदी कराकर किसानों के साथ न्याय करने की बात कही।
जिसे उन्होंने जनहित में बताया।प्रतिनिधिमंडल में जिला महासचिव रविरंजन शाक्य, विधानसभा अध्यक्ष विनोद कुमार, प्रदीप कुमार, मुलायम सिंह, राकेश कुमार, चंद्रशेखर आजाद मौर्य, सुख्खू मौर्य, गुलाब मौर्य, विजयमल मौर्य, श्रीपति विश्वकर्मा सहित कई अन्य सदस्य मौजूद रहे।यह समर्थन किसानों के आंदोलन को और मजबूती देगा, जिससे प्रशासन पर लंबित चकबंदी प्रक्रिया को जल्द से जल्द और पारदर्शी तरीके से पूरा करने का दबाव बढ़ेगा।

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