सोनभद्र के बिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने से 2 लाख की आबादी परेशान, दूसरी ओर प्रदूषण की दोहरी मार

पूर्व मध्य रेलवे का बिल्ली रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव न होने से लोगों में असंतोष

सोनभद्र के बिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने से 2 लाख की आबादी परेशान,  दूसरी ओर प्रदूषण की दोहरी मार

पूर्व मध्य रेल चोपन के बिल्ली रेलवे स्टेशन का आँखों देखा हाल

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)

सोनभद्र / उत्तर प्रदेश-

 जिले का ओबरा क्षेत्र जो अपने पावर स्टेशन और उत्तर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत के रूप में जाना जाता है इन दिनों बिल्ली रेलवे स्टेशन से जुड़ी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है।

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ओबरा और आसपास के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों जैसे परसोई, पनारी, कर्मसार, फफराकुंड, काशपानी, सीमाडह, मगरदह, नया टोला, कुरकुटिया, खैरटीया, दशावा, सलेहवा, मूरिहार,केजूआरी,गादरखांड, सुखरा, भंवराकुंड, गाढ़पत्थर, नादहरी, सागरधह, तेढीतेन, अरंगी, चकरी, करिया, वीरनबहरा,

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खैराही, सेमेस्टर, चोरीहवा, मेणरदह, और कुलदील रोड सहित लगभग 2 लाख की आबादी को एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव न होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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स्थानीय लोग, विभिन्न यूनियनें और नेता लगातार रेलवे प्रशासन से इस महत्वपूर्ण स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग कर रहे हैं, ताकि आम जनता को सुविधा मिल सके और क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ें।बिल्ली रेलवे स्टेशन एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जंक्शन है जो सोनभद्र, ओबरा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ता है।

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ओबरा में स्वयं एक तहसील एक विश्वविद्यालय, बिजली यंत्र, सिंचाई विभाग और वन विभाग, अल्ट्राटेक सीमेंट, ए सी सी सीमेंट भी स्थित है, जो इसे एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक, प्रशासनिक और औद्योगिक केंद्र बनाता है। ऐसे में इस स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का न रुकना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है।

स्थानीय निवासियों का तर्क है कि एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव से न केवल यात्रा सुगम होगी बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

यह स्टेशन बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ (जबलपुर सहित), और ओडिशा जैसे कई राज्यों को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग है, जो इसकी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्ता को दर्शाता है।एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की कमी के साथ-साथ, बिल्ली स्टेशन एक और गंभीर समस्या से जूझ रहा है: प्रदूषण। स्टेशन पर दिनभर गिट्टी लोडिंग का काम चलता रहता है।

लोडिंग के दौरान मालगाड़ियों में गिट्टी भरते समय भारी मात्रा में धूल उड़ती है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। राहगीर और आसपास के निवासी इस प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जहां सुविधा मिलनी चाहिए, वहां उन्हें प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है और रेलवे प्रशासन इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

बिल्ली स्टेशन पर 700 मीटर लंबे दो और तीन प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जो किसी भी राजधानी एक्सप्रेस जैसी लंबी ट्रेन को रोकने के लिए पर्याप्त हैं। इतना विशाल और आधुनिक प्लेटफॉर्म होने के बावजूद यहां किसी भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव न होना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा सवाल है।

यह स्टेशन रेलवे को अच्छा राजस्व भी प्रदान करता है इसके बावजूद इसके इसकी अनदेखी समझ से परे है। ओबरा और बिल्ली के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि रेलवे प्रशासन जल्द ही उनकी इन जायज मांगों पर ध्यान देगा और इस महत्वपूर्ण जंक्शन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित करेगा, जिससे उन्हें प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी और यात्रा सुविधा भी मिलेगी।

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