सोनभद्र हर घर जल कार्यक्रम ने बदली उत्तर प्रदेश की तस्वीर, 2.32 करोड़ घरों तक पहुंचा स्वच्छ पेयजल
प्रदेश के अन्य जनपदों हेतु अन्य जनपदों हेतु निविदा के माध्यम से 33 कार्यदायी फर्मों को सूचीबद्ध करते हुए समस्त राजस्व ग्रामों में कार्य आवांटित
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित हर घर जल कार्यक्रम का पेयजल आपूर्ति के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित हर घर जल कार्यक्रम राज्य में पेयजल आपूर्ति के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व सफलता साबित हुआ है ।इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक प्रदेश के 2.32 करोड़ से अधिक घरों तक पाइपलाइन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुंचाया जा चुका है, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर में सुधार आया है।
सरकार ने प्रत्येक परिवार को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं, लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा संचालित हर घर जल कार्यक्रम सबसे सफल रहा है। भारत सरकार द्वारा पूर्व में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना को वर्ष 2019-2020 में समाहित करते हुए जल जीवन मिशन प्रारंभ किया गया है. इसके अतिरिक्त प्रदेश में पूर्व में विश्व बैंक सहायतित 14 जनपदों में नीर निर्मल परियोजना भी चलाई गई थी और ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप द्वारा पेयजल की आपूर्ति हेतु राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम भी संचालित किया गया था ।
भारत सरकार द्वारा संचालित जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल योजना द्वारा हर घर जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु यह केंद्र सहायतित मिशन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 45:45 प्रतिशत तथा सामुदायिक अंशदान द्वारा 10 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर संचालित किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर को नल से जल उपलब्ध कराया जाना है और इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत पाइपलाइन से घरों को नल से स्वच्छ पेयजल दिया जा रहा है। प्रदेश की समस्त बस्तियों को मानक के अनुसार 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के आधार पर पेयजल सुविधा हैंडपंप या पाइप योजना के माध्यम से उपलब्ध कराई जा चुकी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 28,95,361 हैंडपंप स्थापित हैं, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में लगभग प्रत्येक 58 व्यक्ति पर एक हैंडपंप स्थापित किया गया है। इस प्रकार, पेयजल की न्यूनतम आवश्यकता 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मानक की दृष्टि से प्रदेश की संपूर्ण ग्राम/बस्तियों को संतृप्त किया जा चअगस्त 2019 तक प्रदेश में मात्र 05.16 लाख (1.94%) एफ.एच.टी.सी. (कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल उपलब्ध कराया जा सका था लेकिन नवंबर 2024 तक, यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 2.315 करोड़ (86.72%) एफ.एच.टी.सी. हो गया है।
जिसके माध्यम से ग्रामीण आबादी को पाइप पेयजल योजना से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है. शेष लगभग 35.39 लाख घरों में एफ.एच.टी.सी. का कार्य वर्ष 2025 तक पूर्ण किया जा रहा है।41 सतही स्रोत जल आधारित और 423 भूजल आधारित पाइप पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से कुल 4470 राजस्व ग्रामों में 14,27,078 घरों में एफ.एच.टी.सी. के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किया जाना लक्षित है अद्यतन 14,10,061 एफ.एच.टी.सी. उपलब्ध कराया जा चुका है। 21 सतही स्रोत जल परियोजनाओं और 140 भूजल आधारित परियोजनाओं के माध्यम से 3307 राजस्व ग्रामों में 6,69,165 एफ.एच.टी.सी. के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किया जाना है, जिसके सापेक्ष नवंबर 2024 तक 6,01,629 एफ.एच.टी.सी. उपलब्ध कराया जा चुका है।
प्रदेश के अन्य जनपदों हेतु निविदा के माध्यम से 33 कार्यदायी फर्मों को सूचीबद्ध करते हुए समस्त राजस्व ग्रामों में कार्य आवंटित किया गया है। आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, बलिया, उन्नाव, प्रयागराज एवं चंदौली जैसे गुणवत्ता प्रभावित जनपदों के 6439 राजस्व ग्रामों में 14 सतही स्त्रोत आधारित योजनाओं का कार्य चयनित फर्मों द्वारा किया जा रहा है। हर घर जल कार्यक्रम न केवल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है बल्कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य और स्वच्छता में भी महत्वपूर्ण सुधार ला रहा है। जिससे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।

Comment List