दिव्यांगों की कला में आत्मबल का अद्भुत प्रदर्शन
लेखक सचिन बाजपेई
स्वतंत्र प्रभात संवाददाता, बाराबंकी
इस विशेष प्रदर्शनी में दिव्यांग कलाकारों ने अपनी अंतर्निहित क्षमताओं और दृष्टिकोण को कैनवास पर उकेरा। आत्मबल, आत्मविश्वास और सृजनशीलता से परिपूर्ण इन पेंटिंग्स ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. संदीप ने इन कलाकृतियों की सराहना करते हुए कहा कि, "यह चित्र केवल रंगों का मेल नहीं, बल्कि एक सशक्त दृष्टिकोण और जीवन की सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं।"
कार्यक्रम में सुनील कुमार, राधेश्याम जी, आस्था सिंह सहित दिव्यांग प्रतिभागी रेशमा, रेहाना व रमेश की उपस्थिति रही, जिन्होंने अपनी कला से सभी को प्रेरित किया। आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन न केवल प्रतिभा को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में जागरूकता और समावेशन की भावना भी जागृत करते हैं।
Read More IPS Navjot Simi: 'ब्यूटी विद ब्रेन' की बेहतरीन मिसाल है ये IPS अफसर, दूसरे प्रयास में मिली सफलता यह प्रदर्शनी समाज को यह संदेश देती है कि दिव्यांगता किसी की शक्ति को सीमित नहीं करती, बल्कि सही मंच और अवसर मिलने पर वही शक्ति समाज को नया दृष्टिकोण दे सकती है।

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