यूपी के 16 इंजीनियरिंग कॉलेजों का होगा बंटवारा! ।
डा. एपीजे अब्दुल कमाल तकनीकी विश्वविद्यालय (AKTU) के काम का बोझ जल्दी ही कम हो सकता है.।
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स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो। दया शंकर त्रिपाठी ।
प्रदेश के 16 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों को 3 विश्वविद्यालयों में विभाजित करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से मंथन चल रहा है. AKTU के कार्य को विभाजित करने का प्रस्ताव पहले भी आ चुका है लेकिन किसी कारण से यह रुका हुआ था.
इन कालेजों में हो सकता है विभाजन : कानपुर में स्थित हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) और गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय (एमएमटीयू) के बीच कार्य का विभाजन किया जा सकता है. इन दोनों विश्वविद्यालयों को अपने-अपने क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. प्रदेश में राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों समेत अन्य करीब 750 से अधिक कालेजों के मामलों को AKTU देखता रहा है.
गोरखपुर के मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय और HBTI कानपुर के जिम्मे इन कॉलेजों का विभाजन कर दिया जाएगा. जिसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इन इंजीनियरिंग कॉलेजों की वित्तीय समस्या से लेकर प्रशासनिक समस्याओं को त्वरित समाधान मिल पाएगा. बीते दिनों प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन सभी 16 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के संबद्धता और संचालन की जिम्मेदारी से लेकर अंत में प्राविधिक विश्वविद्यालय को देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है.
इंजीनियरिंग कॉलेजों की गुणवत्ता में होगा सुधार : तीन विश्वविद्यालयों में विभाजन के बाद इन कॉलेजों की वित्तीय, प्रशासनिक, शैक्षणिक और शोध संबंधित समस्याओं का त्वरित निराकरण हो सकेगा. इसके अलावा छात्रों के प्लेसमेंट दर में भी सुधार होगा. इन तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता को सुधार करके इसे राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए शासन की ओर से प्रस्ताव बनाया गया है. विभाग का मत है कि अगर इन सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को तीनों ही प्राविधिक विश्वविद्यालय से जोड़ दिए जाएंगे. तो इनकी कार्य कुशलता में काफी बदलाव होने के साथी उनके संचालन में जो भी दिक्कतें आती है उसे विश्वविद्यालय अपने स्तर पर हल कर सकेगा.
नैक सर्वेक्षण में भी होगी आसानी
: नैक सर्वेक्षण को लेकर अब तक जो संकट था, उसका समाधान भी हो जाएगा. विश्वविद्यालयों को बड़ा कैंपस मिलेगा और मेरिट वाले छात्रों की संख्या भी बढे़गी इससे नैक मूल्यांकन में इन विश्वविद्यालयों का दावा और मजबूत होगा.
विश्वविद्यालय अपने कैंपस की तरह करेंगे प्रयोग : ।
तीनों विश्वविद्यालय अपने हिस्से के कॉलेजों को अपने विस्तारित कैंपस की तरह प्रयोग कर सकेंगे. साथ ही विश्वविद्यालय अपने लैब, कक्षाओं और पाठ्यक्रमों का विस्तार भी कर सकते हैं. कॉलेज के छात्रों के प्लेसमेंट, शोध और स्टार्टअप आदि के लिए विश्वविद्यालय बेहतर माहौल बना पाएगा.
प्रदेश के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज :
1. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बिजनौर2. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, कन्नौज3. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मेनपुरी4. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, अंबेडकरनगर5. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, आजमगढ़6. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, सोनभद्र7. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बांदा8. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, फर्रुखाबाद9. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उन्नाव10. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रतापगढ़11. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोरखपुर12. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, जौनपुर13. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, भदोही14. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, कौशाम्बी15. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बलिया16. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, श्रावस्ती
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों को तीन विश्वविद्यालयों के दिए जाने के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर विचार चल रहा है. जो भी शासन का निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा -प्रो. जेपी पाण्डेय, कुलपति, AKTU
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