बीडीओ चोपन के तबादले को लेकर सोनभद्र से लेकर लखनऊ तक चर्चाओं का बाजार गर्म
बी डी ओ चोपन के तबादले को लेकर जगह जगह चर्चाओं का दौर जारी
विकास खण्ड अधिकारी चोपन का हुआ तबादला
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट)
विकास खण्ड अधिकारी चोपन शुभम बरनवाल का ट्रांसफर 24 मई 2025 को पत्रांक संख्या 2195 (174) /स्था०प्र०/2024 बांदा के लिए कर दिया गया था। बीडीओ शुभम बरनवाल के ट्रांसफर की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गयी कि क्या इस बार ट्रांसफर के बाद चोपन बीडीओ बांदा जॉइन करेंगे? क्योंकि इसके पूर्व भी 25 अक्टूबर 2024 को शुभम बरनवाल को आयुक्त ग्राम्य विकास लखनऊ के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया था लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया।
जिसके बाद 12 दिसंबर 2024 को ग्राम्य विकास लखनऊ ने एक पत्र भेज कर नाराजगी जताई कि आप द्वारा सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा, अतः आपको चोपन ब्लॉक से कार्यमुक्त करते हुए कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास में जॉइन करने के लिये आदेशित किया जाता है। लेकिन वाबजूद इसके उन्होंने जॉइन नहीं किया। बल्कि चर्चा के मुताबिक ट्रांसफर रुकवाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिया था और आखिरकार ट्रांसफर रूकवाने में सफलता मिल गयी। उस समय इस बात को लेकर चर्चा थी कि आखिर सोनभद्र में ऐसा क्या है कि ट्रांसफर के बाद भी अधिकारी जाने को तैयार नहीं।
एक बार फिर अब जब बीडीओ शुभम बरनवाल का ट्रांसफर बांदा हो गया है तो एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या इस बार बीडीओ बांदा जाकर जॉइन करेंगे या फिर रुकवाने में सफल होंगे या ट्रांसफर सरकारी फाईलों में दबकर रह जायेगा।खण्ड अधिकारी चोपन शुभम बरनवाल का ट्रांसफर 24 मई 2025 को पत्रांक संख्या 2195 (174) /स्था०प्र०/2024 बांदा के लिए कर दिया गया था। बीडीओ शुभम बरनवाल के ट्रांसफर की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गयी कि क्या इस बार ट्रांसफर के बाद चोपन बीडीओ बांदा जॉइन करेंगे? क्योंकि इसके पूर्व भी 25 अक्टूबर 2024 को शुभम बरनवाल को आयुक्त ग्राम्य विकास लखनऊ के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया था लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। जिसके बाद 12 दिसंबर 2024 को ग्राम्य विकास लखनऊ ने एक पत्र भेज कर नाराजगी जताई कि आप द्वारा सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा, अतः आपको चोपन ब्लॉक से कार्यमुक्त करते हुए कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास में जॉइन करने के लिये आदेशित किया जाता है।
Read More सरकार ने बंदरगाह सुरक्षा ढांचा मजबूत किया,सीआईएसएफ को मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन बनाया,लेकिन वाबजूद इसके उन्होंने जॉइन नहीं किया। बल्कि चर्चा के मुताबिक ट्रांसफर रुकवाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिया था और आखिरकार ट्रांसफर रूकवाने में सफलता मिल गयी। उस समय इस बात को लेकर चर्चा थी कि आखिर सोनभद्र में ऐसा क्या है कि ट्रांसफर के बाद भी अधिकारी जाने को तैयार नहीं।एक बार फिर अब जब बीडीओ शुभम बरनवाल का ट्रांसफर बांदा हो गया है तो एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या इस बार बीडीओ बांदा जाकर जॉइन करेंगे या फिर रुकवाने में सफल होंगे या ट्रांसफर सरकारी फाईलों में दबकर रह जायेगा।

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