शक्तिनगर बस स्टैंड बना नशेड़ियों का अड्डा यात्रियों और स्टाफ में भय व्याप्त, पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल
नशेड़ियों के आतंक से रोडवेज स्टाफ सहित यात्री हलकान, लोगों ने किया रोक लगाने की मांग
बस स्टाफ ने पत्राचार कर सबंधित के खिलाफ कार्रवाई की मांग
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का शक्तिनगर बस स्टैंड परिसर इन दिनों नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का गढ़ बन चुका है, जिससे यात्रियों और बस स्टैंड कर्मचारियों में भारी भय व्याप्त है। थाना शक्तिनगर से मात्र 800 मीटर की दूरी पर स्थित यह बस अड्डा, शाम ढलते ही अराजकता का शिकार हो जाता है, और स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्थानीय सूत्रों और बस स्टैंड स्टाफ के अनुसार, शाम होते ही शक्तिनगर बस स्टैंड परिसर में 10 साल के बच्चों से लेकर वयस्क पुरुष और महिलाएं तक, नशे में धुत होकर घूमने लगते हैं। ये नशेड़ी अक्सर यात्रियों से लड़ाई-झगड़ा और गाली-गलौज करते हैं। यदि बस स्टैंड के कर्मचारी या स्टाफ सदस्य बीच-बचाव का प्रयास करते हैं, तो उन्हें भी गाली-गलौज और मारपीट का सामना करना पड़ता है। कई बार स्थिति इतनी बेकाबू हो जाती है कि बस स्टैंड स्टाफ को पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 की मदद लेनी पड़ती है।
हालांकि, विडंबना यह है कि पुलिस बुलाने के बावजूद इन नशेड़ियों पर कोई स्थाई असर नहीं पड़ता। तात्कालिक रूप से पुलिस उन्हें हटा देती है, लेकिन कुछ ही समय बाद वे वापस लौट आते हैं। इस आओ-जाओ के खेल ने इन असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ा दिया है। उनमें पुलिस का भय पूरी तरह से समाप्त हो चुका है, जिसका खामियाजा यात्रियों और बस स्टैंड कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
नशे की लत को पूरा करने के लिए ये असामाजिक तत्व आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त पाए जाते हैं। आए दिन बस स्टैंड में आने वाले यात्रियों के सामान और मोबाइल चोरी कर लिए जाते हैं। जब चोरी का अवसर नहीं मिलता, तो वे लूटपाट और चाकूबाजी जैसी घटनाओं को अंजाम देकर पैसे छीन लेते हैं। यह स्थिति दिनोंदिन सुरसा की तरह बढ़ती जा रही है, और इसका कोई अंत होता नहीं दिख रहा।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बस स्टैंड के सुरक्षाकर्मियों पर भी दो-तीन बार जानलेवा हमला हो चुका है। इन घटनाओं की सूचना 112 नंबर और स्थानीय पुलिस को भी दी गई है, लेकिन इसके बावजूद नशेड़ियों और शांति भंग करने वालों पर कोई ठोस और स्थायी कार्रवाई नहीं की गई है।ऐसी परिस्थितियों में यह कहना गलत नहीं होगा कि शक्तिनगर बस स्टैंड पर कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। यात्रियों को हर समय चोरी, लूटपाट और झगड़े का डर सताता रहता है, वहीं बस स्टैंड के कर्मचारी भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
जिले के आला अधिकारियों और प्रशासन से यह पुरजोर अपील की जाती है कि वे इस गंभीर और संवेदनशील मामले पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। शक्तिनगर बस स्टैंड परिसर में शांति व्यवस्था स्थापित करने और यात्रियों व कर्मचारियों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों पर कड़ी और स्थाई कार्रवाई करना नितांत आवश्यक है। अन्यथा, यह बस स्टैंड क्षेत्र अपराधियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले आम नागरिक लगातार खतरे में रहेंगे।

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