त्रिवेणीगंज में स्मैकर्स का तांडव: नशा करने से मना किया तो छात्र पर फाइटर से हमला, हालत गंभीर
सिर फोड़ गंभीर रूप से किया घायल
बिहार सुपौल
पीड़ित प्रिंस ने बताया कि छात्रावास के बगल में स्थित एक अन्य छात्रावास में रहने वाले एक प्रीतिका नाम के युवक के दो साथी युवक अपने दो अज्ञात साथी के साथ अक्सर स्मैक पीने यहां आया करते थे। सोमवार रात जब पीड़ित प्रिंस ने छात्रावास में उन युवकों को नशा करने से मना किया तो विवाद हो गया,देखते ही देखते विवाद भयंकर मारपीट में तब्दील हो गया। इसी दौरान एक युवक ने फाइटर से हमला कर दिया,जिससे प्रिंस का सिर फट गया। चारों युवकों ने मिलकर बड़ी बेरहमी से उसकी पिटाई की। हमलावरों ने धमकी भी दी कि वे स्मैक,गांजा और शराब का सेवन ही नहीं करते,बल्कि उसकी बिक्री भी करते हैं। पीड़ित युवक से कहा कि अगर दोबारा रोका या पुलिस-कोर्ट में शिकायत की तो जान से मार देंगे।
पीड़ित छात्र प्रिंस ने बताया कि हमलावर उसे मृत समझकर फरार हो गए और जाते-जाते गालियां देते हुए गंभीर धमकियां भी दीं। वहीं घटना के संबंध में थानाध्यक्ष रामसेवक रावत ने बताया कि पीड़ित की लिखित शिकायत के आधार पर तीन नामजद और दो अज्ञात युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में स्मैक का अवैध कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है और अब यह एक संगठित उद्योग का रूप ले चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते स्मैक कारोबारियों का मनोबल बढ़ा है और यह धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। अनुमान है कि रोजाना 15 से 20 लाख रुपये की स्मैक की बिक्री हो रही है। सूत्रों के अनुसार इस धंधे में इलाके के करीब 20 से अधिक लोग सक्रिय रूप से शामिल हैं।
ये तस्कर मधेपुरा के कुमारखंड, मुरलीगंज,पूर्णिया और पश्चिम बंगाल से बड़े पैमाने पर स्मैक मंगाकर त्रिवेणीगंज और आसपास के इलाकों में सप्लाई करते हैं बताया जा रहा है कि सप्ताह में दो से तीन बार 5 से 15 लाख रुपये की स्मैक क्षेत्र में खपाई जाती है स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि प्रतिदिन पांच सौ से अधिक युवा और नाबालिग इसकी चपेट में आ गए हैं। इनमें कई की उम्र 15 से 20 वर्ष के बीच है।
अधिक नशा पाने के लिए कुछ युवा अब स्मैक को इंजेक्शन के माध्यम से लेना शुरू कर चुके हैं,जो जानलेवा साबित हो सकता है इस कारोबार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सबसे चौंकाने वाली बात यह बताई कि इस धंधे में कुछ पुराने शराब कारोबारी,जिन्होंने शराबबंदी के बाद शराब बेचना छोड़ दिया था,अब स्मैक के कारोबार में उतर चुके हैं। यह नेटवर्क बेहद गोपनीय ढंग से संचालित होता है स्मैक एक प्वाइंट सिस्टम के तहत बेची जाती है जिसमें एक सौ प्वाइंट का मतलब एक ग्राम स्मैक होता है हर पुड़िया में दस प्वाइंट होते हैं, जिसकी कीमत 250 से 300 रुपये तक होती है स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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