क्षत्रिय समाज के लोगों का फूटा गुस्सा,अनपरा नगर पंचायत के कर्मियों ने फाड़ा महाराणा प्रताप का बैनर पोस्टर , कार्रवाई नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
क्षत्रिय समाज के लोगों ने नगर पंचायत के ऊपर लगाया दूरभावना से कार्य करने का आरोप
अनपरा नगर पंचायत का मामला
अजयन्त सिंह (संवाददाता)
समर्थकों को लेकर प्रदेश में सुरखिया एकत्र रहे नगर पंचायत वीर शिरोमणि उदयन प्रताप की जयंती पर आदिवासियों के स्वागत के लिए लगाए गए पोस्टर बैनरों से क्षत्रिय समाज के लोगों में भारी भीड़ उमड़ी
क्षत्रिय समाज के पूर्व प्रधान व बेलवाड़ा के पूर्व प्रधान हरदेव सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, दीपक सिंह, आरपी सिंह, कृष्णा सिंह, अभय सिंह, अरविंद सिंह, प्रशांत सिंह आदि ने पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि 09 मई को अनपरा तापीय परियोजना परिसर स्थित एडिटोरियम में आचार्य प्रताप की जयंती मनाई गई थी।
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प्रोग्राम में आये अभ्यारण्य के स्वागत में वीर शिरोमणि डायना प्रोजेक्ट के साथ-साथ पूर्व मिनी बलिया गिरजाघर सिंह मस्त, परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह, छात्रसी विनीत सिंह, पूर्व मिस्त्री केदार नाथ सिंह सहित अन्य आश्रमों का फोटो बैनर में लगा था जो काशी मोड़ से अनपरा तापीय प्रोजेक्ट के गेट तक चार समर्थकों से अधिक पोस्टर बैनर प्रोजेक्ट के पोल व आयरन के बने फार्म मेक किए गए थे

कार्यक्रम के दूसरे दिन सोची-समझी योजना के तहत अनपरा नगर पंचायत के रेलवे स्टेशन पर सभी बैनर पोस्टरों को रखा गया। पोस्टर फोर्टीटे ने देखा कि जब एतराज फैंस तो कर्मचारियों ने बताया कि ईओ अपर्णा मिश्रा का ऑर्डर दिया गया था, जब ईओ से बात की गई तो उन्होंने किसी भी ऑर्डर की बात नहीं बताई, जिससे कि घटना की जानकारी हो सके और क्षत्रिय समाज में मित्रता हो सके।
रविवार को अनपरा थाने पहुंचे सादो लोगों ने अनपरा थानेदार को शिकायत पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की है एल उन्होंने कहा कि अगर किसी ने होर्डिंग बैनर हटाने का आदेश दिया है तो क्षेत्र में मासिक रूप से लगाए गए पोस्टर बैनर पोलो को वैसे ही लटकाया जा रहा है और कार्यक्रम के 24 घंटे भी नहीं छोड़े गए थे कि नगर पंचायत के कर्मचारियों ने दूरदर्शन से सीधे तौर पर प्लास्टिक की दुकान बंद कर दी थी, जिसमें प्रतिष्ठित जन कंपनी शामिल थी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो पूरा क्षत्रिय समाज आंदोलन के लिए संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन और प्रशासन की होगी।

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