मौलिक अधिकार और कर्त्तव्य पर वाद विवाद का आयोजन
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अर्चना, द्वितीय आनंद, तृतीय अमृता कुमारी शर्मा रहीं।
पहलगाम घटना में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो)
प्राचार्य प्रो. प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वाद विवाद की चर्चा में छात्रों ने अपने विचार रखा और बताया कि संविधान द्वारा दिये गये मौलिक अधिकार के साथ 1970 के दशक में नैतिक जिम्मेदारी का नागरिकों को बोध कराने के लिए कर्त्तव्य का समावेश भारत जैसे विविधता वाले देश की श्रेष्ठ खूबसूरती है।
एक ओर जहाँ नागरिक अपने अधिकार के माध्यम से जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं वहीं कर्त्तव्य नागरिकों को देश के प्रति आदर, सामाजिक एकता का पाठ सिखाते हैं। मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान में उपबंध भी दिए गए हैं। डा. आंबेडकर ने संविधान सभा में मौलिक अधिकार को प्राकृतिक अधिकार से जोड़कर उसे निर्बाध गति दी लेकिन कुछ आवश्यक सीमायें भी निर्धारित कर दीं। वाद विवाद प्रतियोगिता में पहला स्थान बीए की अर्चना, दूसरा आनंद और तीसरा स्थान अमृता कुमारी शर्मा ने प्राप्त किया।
वाद विवाद के उपरान्त प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें संयुक्त रूप से बीएससी के धनंजय दूबे और अर्चना ने प्रथम, बीए की नन्दनी कुमारी ने द्वितीय व तान्या जायसवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अन्त में छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि हमारा संविधान हमारे लिए स्वाभिमान है और इमसें सम्मिलित सामाजिक-आर्थिक प्रावधान देश के विकास को गति देने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
कार्यक्रम समापन के बाद पहलगाम घटना में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डा. महेन्द्र प्रकाश, निर्णायक मंडल के सदस्य असिस्टेंट प्रोफेसर डा. राजेश प्रसाद, डा. बीना यादव, डा. किरन सिंह समन्वयकगण डा. विनोद बहादुर सिंह, डा. अमूल्य सिंह, डा. सचिन कुमार और भारी संख्या में प्रतिभागी छात्रों की उपस्थिति रही।

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