ओबरा में नृत्य की त्रिवेणी: शुभम सात्विकम कार्यशाला में कथक, लोक नृत्य और भरतनाट्यम सीखें
ओबरा नगर नृत्य के क्षेत्र अग्रसर, कला प्रेमियों को कला सीखने के अवसर
नृत्य प्रेमियों के लिए सुनहरा अवसर
अजीत सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
आपके अपने शहर ओबरा में नृत्य कला को समर्पित रुचिर डांस इंस्टीट्यूट एक शानदार अवसर लेकर आया है। संस्थान द्वारा "शुभम सात्विकम" नामक एक विशेष नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जो नृत्य प्रेमियों के लिए एक अनुपम अनुभव साबित होगी।इस कार्यशाला में आपको नृत्य की बारीकियों से अवगत कराने के लिए लखनऊ से पधार रही हैं
सुप्रसिद्ध "कथक एवं लोक नृत्य शिक्षिका" ज्योति किरण रतन जी का रतन नृत्य जगत में एक प्रतिष्ठित नाम हैं और उनका ओबरा आगमन निश्चित रूप से नगर के कला प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली ज्योति किरण रतन ने कथक के प्रतिष्ठित गुरु पं. अर्जुन मिश्रा, लोक नृत्य के गुरु मुकुंद भट्टाचार्य और आनंद सैकिया से नृत्य की विधिवत शिक्षा प्राप्त की है। पिछले तीन दशकों से वह सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को लोक नृत्य, लोक कला, लोक वस्त्र विन्यास और लोक साहित्य की शिक्षा प्रदान कर रही हैं। मंच प्रस्तुति के क्षेत्र में भी वह भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में लगातार सक्रिय रूप से भूमिका निभा रही हैं।
रतन को उत्तर प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने महिलाओं के लिए ढाई हजार से अधिक और बच्चों के लिए चार हजार कार्यशालाएं आयोजित की हैं, जो उनकी नृत्य शिक्षा के प्रति समर्पण और अनुभव का प्रमाण है।इस कार्यशाला में रुचि गोपाल भी अपना मार्गदर्शन प्रदान करेंगी।
रुचि गोपाल भरतनाट्यम की एक कुशल नृत्यांगना और शिक्षिका हैं। उन्होंने भातखंडे डीम्ड यूनिवर्सिटी से भरतनाट्यम नृत्य में मास्टर ऑफ म्यूजिक की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने राजस्थान के "द सागर स्कूल", झांसी के रानी लक्ष्मीबाई पब्लिक स्कूल, लखनऊ के मीमेट्स म्यूजिक कॉलेज, दिल्ली के स्प्रिंग मेडोज स्कूल, चोपन के केंद्रीय विद्यालय और ओबरा के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल जैसे प्रतिष्ठित विद्यालयों में नृत्य का प्रशिक्षण दिया है।
वर्तमान में वह स्वयं का नृत्य संस्थान "रुचिर नृत्य संस्थान" सफलता पूर्वक चला रही हैं। श्रीमती रुचि गोपाल न केवल एक निपुण नृत्यांगना हैं, बल्कि एक प्रतिभाशाली कवयित्री और कहानीकार भी हैं। उनकी एकल पुस्तक "अनुभूति" कहानियों और कविताओं का एक संग्रह है, जो प्रकाशित हो चुका है। इसके अतिरिक्त, उनकी रचनाएं कई साझा संग्रहों - बज्मे हिंद, मातृ एवं पितृ काव्य संग्रह, नारी नारायणी, और पहले प्यार की पहली खुश्बू में भी प्रकाशित हुई हैं। ओबरा में विगत तीन वर्षों से वह सावन उत्सव और नवरात्रि डांडिया उत्सव का सफल आयोजन करती आ रही हैं। हाल ही में, रुचिर डांस इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में उन्होंने उमा-नटराजन नृत्य प्रतियोगिता का भी सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
कार्यशाला में निम्नलिखित नृत्य शैलियाँ सिखाई जाएंगी
कथक नृत्य:
पंजीकरण शुल्क (Registration Fees): ₹100/-
प्रवेश शुल्क (Admission Fees): ₹1000/-
लोक नृत्य:
पंजीकरण शुल्क: ₹100/-
प्रवेश शुल्क: ₹1000/-
भरतनाट्यम:
पंजीकरण शुल्क: ₹100/-
प्रवेश शुल्क: ₹1000/-
विशेष ध्यान दें: इच्छुक प्रतिभागी अपनी पसंद के अनुसार कोई भी एक नृत्य शैली चुन सकते हैं।
यह "शुभम सात्विकम" नृत्य कार्यशाला ओबरा के नृत्य प्रेमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहाँ वे प्रतिष्ठित गुरुओं से नृत्य की विभिन्न शैलियों की बारीकियां सीख सकते हैं और अपनी कलात्मक प्रतिभा को एक नई उड़ान दे सकते हैं। रुचिर डांस इंस्टीट्यूट का यह प्रयास निश्चित रूप से ओबरा की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करेगा।

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