सोनभद्र ओबरा: कमला पेट्रोल टंकी बना मजाक, नियमों की उड़ाई धज्जियां
ओवरलोड और नंबर प्लेट विहीन गाड़ियों का अड्डा, स्कूलों बच्चों पर मंडराया खतरा, प्रशासन मौन
पेट्रोल टंकी पर दलालों की दबंगई, निष्क्रिय पुलिस केन्द्र लोगोँ के लिए बना चिंता का विषय
गौरव चौहान की खास रिपोर्ट
ओबरा /सोनभद्र-
ओबरा-चोपन मार्ग पर स्थित कमला पेट्रोल टंकी इन दिनों खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाने का केंद्र बन गई है। यहां प्रतिदिन ओवरलोड और बिना नंबर प्लेट वाली बालू से लदी ट्रकों का जमावड़ा देखा जा सकता है। रोड के किनारे पत्थर, बस्सी गिल बालू गिरे और बिखरे पड़े हुए हैं, जिससे आम राहगीरों को भारी असुविधा और खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
चिंताजनक बात यह है कि इस पेट्रोल टंकी के ठीक बगल में मां शारदा पब्लिक स्कूल एवं देवी पब्लिक स्कूल स्थित हैं, जहां लगभग सैकड़ों बच्चों का प्रतिदिन इसी रास्ते से आना-जाना लगा रहता है। दो स्कूलों के बीच में पेट्रोल टंकी पर गाड़ियों का जमावड़ा बच्चों का ध्यान भी आकर्षित करता है, जिससे उनकी सुरक्षा और भी अधिक खतरे में पड़ गई है।
प्रत्येक दिन इस पेट्रोल पंप पर ओवरलोड बालू की गाड़ियां खड़ी रहती हैं, जिनसे लगातार पानी टपकता रहता है, जिससे सड़क पर फिसलन का खतरा बना रहता है। नगर से निकलने वाले बरसात के पानी का नाला भी टूट गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पेट्रोल टंकी पर खुलेआम कुर्सी लगाकर दबंग घात लगाए बैठे रहते हैं।
ये इतने दबंग हैं कि पत्रकारों द्वारा सच्चाई उजागर करने की कोशिश करने पर उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी तक देते हैं। सबसे गंभीर चिंता का विषय यह है कि यदि पत्रकार सच्चाई लिखते हैं तो उन्हें फर्जी मुकदमा करने की धमकी दी जाती है।
इनमें से ज्यादातर ट्रकों पर नंबर प्लेट मौजूद नहीं है। ट्रक मालिक निर्भीक होकर सरकारी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, और राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं, जिसकी कीमत स्थानीय जनता को चुकानी पड़ रही है। आस-पास के क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ियों के कारण यदि कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट जाती है, तो पीड़ितों के लिए न्याय की उम्मीद धूमिल हो जाती है।
बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां सड़क पर तेज गति से चलती हैं, जिसके कारण आस-पास के लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। इसके अतिरिक्त, ये भारी वाहन सड़कों पर तेज गति से दौड़ते हैं, जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। शारदा मंदिर से गजराज नगर और डिग्री कॉलेज, बिल्ली स्टेशन तक इसी तरह का खतरा बना रहता है।
इस गंभीर समस्या के साथ-साथ, शारदा मंदिर चौराहे पर स्थापित पुलिस केंद्र की निष्क्रियता भी चिंता का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब से यह पुलिस केंद्र बना है, तब से इस पर ताला लटका हुआ है। पुलिस केंद्र में ताला लगे रहने के कारण असामाजिक तत्वों और मनमानी करने वाले वाहन चालकों का मनोबल बढ़ गया है, जिससे क्षेत्र में अराजकता का माहौल है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
जब पत्रकार बंधुओं ने इस संबंध में कमला पेट्रोल टंकी के कर्मचारियों से पूछताछ करने का प्रयास किया, तो पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने हमेशा की तरह यही रटा-रटाया जवाब दिया कि ये गाड़ियां केवल तेल भरवाने के लिए यहां रुकती हैं। हालांकि, पानी से लबालब और बिना नंबर प्लेट की इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों की लगातार उपस्थिति कई गंभीर सवाल खड़े करती है, जिनकी जांच आवश्यक है।
यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इस क्षेत्र में परिवहन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है और संबंधित अधिकारी इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई करने में नाकाम रहे हैं। ट्रक मालिक की दबंगई और पत्रकारों को धमकाना स्थिति की गंभीरता को और बढ़ाता है, खासकर दो-दो स्कूलों के लगभग सैकड़ों बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
आम जनता की सुरक्षा और सुविधा को दांव पर लगाकर किए जा रहे ऐसे गैरकानूनी कृत्यों पर प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। शारदा मंदिर चौराहे पर पुलिस केंद्र की निष्क्रियता भी प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है।
जिसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनी रहे और पत्रकारों को निर्भीक होकर अपना काम करने का सुरक्षित माहौल मिल सके, साथ ही स्कूल के बच्चों की सुरक्षा भी सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित की जा सके।
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
अंतर्राष्ट्रीय
Online Channel
खबरें

Comment List