प्रकृति मनुष्यों को समान अवसर है देती ::प्रमोद बाबा
दो दिवसीय संतमत सत्संग में संतो ने भक्तों को कराया रसपान
त्रिवेणीगंज सुपौल बिहार
प्रखंड के कुशहा मचहा गांव स्थित महर्षि मेंही आश्रम प्रांगण में सोमवार को सतलोकवासी पूज्यपाद मोती दास जी महाराज की पुण्यतिथि मनाई गई। इससे पहले रविवार को कुपाघाट के वर्तमान आचार्य पूज्यपाद महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज की जयंती मनाई गई थी।इस मौके पर आयोजित दो दिवसीय संतमत सत्संग के अंतिम दिन महर्षि मेंही आश्रम भागलपुर के कुपाघाट से आए प्रमोद बाबा, निर्मल बाबा, सत्यप्रकाश बाबा, परमानंद बाबा, रमेश बाबा आदि ने प्रवचन में मानव जीवन को उपकार के लिये लगाने और संतवाणी को गुरुवाणी मानकर उसके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी गयी।
वही अंतिम दिन संध्या प्रवचन में प्रमोद बाबा ने कहा कि हम मनुष्य दूसरों से प्रेम तो करते हैं पर उस प्रेम में कभी ना कभी अप स्वार्थ की खटास आ जाती है। राम और भरत के प्रेम में कभी भी अप स्वार्थ की खटास नहीं आई। यदि हम हमारे जीवन में रामायण लाना चाहते हैं तो अपने कर्तव्य को निष्ठा से करते हुए वर्तमान समय को पवित्र बनाएं। व्यक्ति अच्छी परिस्थितियों में तो हमेशा ही अच्छा होता है पर जो बूरी परिस्थितियों में भी अच्छा होता है, वहीं व्यक्ति विजयी कहलाता है। राम कथा के दौरान उन्होंने कहा की अवसर प्रकृति प्रत्येक व्यक्ति को देती है कोई व्यक्ति उस अवसर का लाभ उठाता है और आगे बढ़ जाता है और कोई कोई व्यक्ति अवसर आने पर अहंकार के कारण चूक जाता है और समय को गवां देता है।

वही दो दिवसीय संतमत सत्संग के अंतिम दिन महिला-पुरुषों की भारी भीड़ उमड़ी रही। साथ ही संतो ने सुमधुर भजनों व प्रवचन से बड़ी संख्या में आए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संतमत सत्संग स्थल पर पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा धार्मिक पुस्तकें, संतसेवी महाराज की लिखी पुस्तकें आदि की खरीदारी की। दो दिवसीय संतमत सत्संग के सफल संचालन में आयोजन समिति समेत ग्रामीणों ने सक्रिय दिखे।
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