बार बार हिन्दू मंदिरों पर हमले बड़ा षडयंत्र!
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कैलिफोर्निया अमेरिका में एक बार फिर हिंदू मंदिर पर हमला किया गया है।बांग्लादेश पाकिस्तान कनाडा और अब अमेरिका सब जगह हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ आगजनी हिंसा हिन्दू समाज की सहिष्णुता को चुनौती देने का फिरकापरस्त ताकतों की साजिश है ताकि भारत में इसकी प्रतिक्रिया हो और हिन्दू सिख मुसलिम समुदाय के लोगों के बीच परस्पर घृणा विद्वेष फैलाने में कामयाबी हासिल की जा सके।
इस बार दक्षिणी कैलिफोर्निया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक श्री स्वामीनारायण मंदिर को अपवित्र किया गया और इसकी दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए। पिछले कुछ महीनों में यह इस तरह की दूसरी घटना है। स्वामीनारायण मंदिर प्रबंधन ने अपने बयान में बताया है कि हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत का एक और प्रदर्शन करते हुए आपको बता दें कि कैलिफोर्निया के चिनो हिल्स में उनके मंदिर को निशाना बनाया गया। इसने आगे कहा कि समुदाय कभी भी नफरत को जड़ नहीं जमाने देगा।
केलीफोर्निया में सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक स्वामीनारायण मंदिर में हमले दौरान मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए हैं.जो इन हरकतों के पीछे छिपे राजनीतिक अजेंडा को बताता है। अमेरिका के हिंदू संगठनों ने मंदिर पर हुए हमले की निंदा की है. भारत ने कैलिफोर्निया के चीनो हिल्स में एक हिंदू मंदिर को अपवित्र करने की घटना की रविवार को कड़ी निंदा की और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ ‘‘कड़ी कार्रवाई'' की मांग की. भारत ने घटना के मद्देनजर पूजा स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा, है कि हम स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों से इन कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और पूजा स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।
बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने शनिवार को कहा कि चीनो हिल्स में श्री स्वामीनारायण मंदिर को अपवित्र को किया गया. ‘बीएपीएस पब्लिक अफेयर्स' ने पोस्ट किया कि एक और मंदिर को अपवित्र किया गया तथा इस बार कैलिफोर्निया के चीनो हिल्स स्थित मंदिर में ऐसी घटना को अंजाम दिया गया है.इसने कहा, “हिंदू समुदाय नफरत के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा है. चीनो हिल्स और दक्षिणी कैलिफोर्निया के लोगों के साथ मिलकर हम कभी भी नफरत को जड़ नहीं जमाने देंगे.”मंदिर पर हुए हमले को लेकर चिनो हिल्स पुलिस विभाग ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के संगठन ने घटना की निंदा करते हुए पोस्ट किया, एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इस बार चिनो हिल्स, कैलिफोर्निया में प्रतिष्ठित बीएपीएस मंदिर में। यह दुनिया में एक और दिन है, जहां मीडिया और शिक्षाविद इस बात पर जोर देंगे कि हिंदू विरोधी कोई नफरत नहीं है और हिंदूफोबिया सिर्फ हमारी कल्पना की उपज है।
आपको बता दें कि उत्तरी अमेरिका की हिंदू संस्थान सीओएचएनए ने एक्स पर अपनी पोस्ट पर लिखा है कि ये कतई चौंकाने वाला नहीं है कि लॉस एंजिल्स में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह से पहले ऐसा किया गया है. सीओएचएनए ने अपनी पोस्ट में वर्ष 2022 के बाद से अमेरिका के मंदिरों में तोड़फोड़ कई मामलों की जानकारी दी है और जांच की मांग की है।
सीओएचएनए उत्तरी अमेरिका में हिंदुओं का एक संगठन है. जो उत्तरी अमेरिका में हिंदू धर्म की समझ को बेहतर बनाने और हिंदू समुदाय को प्रभावित करने वाले मामलों के लिए कार्य करता है इस संगठन ने मंदिरों पर हमलो की क्रमवार जानकारी जारी की है इस के अनुसार 3 अगस्त 2022, श्री तुलसी मंदिर क्वींस, न्यूयार्क 16 अगस्त 2022, श्री तुलसी मंदिर क्वींस, न्यूयार्क 30 अक्तूबर 2022, हरि ओम राधाकृष्ण मंदिर, सेक्रामेंटो, कैलिफोर्निया 23 दिसंबर 2023, एसएमवीएस श्रीस्वामी नारायण मंदिर कैलिफोर्निया एक जनवरी 2024, शिव दुर्गा मंदिर सेंटा क्लारा कैलिफोर्निया 5 जनवरी 2024, श्री आस्था लक्ष्मी मंदिर फ्रेमांट, कैलिफोर्निया 5 जनवरी 2024, विजय शेरावली मंदिर, हेवर्ड, कैलिफोर्निया 11 जनवरी 2024, श्री पंचमुख हनुमान मंदिर डबलिन, कैलिफोर्निया 17 सितंबर 2024, बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर न्यूयार्क 25 सितंबर 2024, बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर, सेक्रामेंटो, कैलिफोर्निया में हिन्दू मंदिरों को निशाना बनाया गया।
हिंदू संगठन ने इसके खालिस्तान कनेक्शन की ओर इशारा करते हुए आगे लिखा, 'यह आश्चर्य की बात नहीं कि यह तब हुआ जब लॉस एंजिलिस में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह का दिन करीब आ रहा है।'
दरअसल प्रतिबंधित आतंवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस कनाडा सहित कई देशों में लगतार भारत विरोधी अभियान चला रहा है. 17 नवंबर 2024 को न्यूजीलैंड में भी ऐसा ही अभियान चलाने की कोशिश की गई और भारत विरोधी नारे लगाते हुए खालिस्तान का झंडा लहराया गया।
लेकिन न्यूजीलैंड के नागरिकों ने इसका विरोध किया. कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर के लंदर दौरे के समय भी उनकी कार के सामने खालिस्तान समर्थकों ने विरोध दर्ज कराया था. इससे पहले सैनफ्रांसिस्कों में वर्ष 2022 में भी जनमत संग्रह का प्रयास हुआ था. इसमें खालिस्तान समर्थकों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे. इस जनमत संग्रह में पूछा जाता है कि क्या भारत में खालिस्तान नाम का स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहिए?अमेरिका में स्थित एक ग्रुप सिख फॉर जस्टिस अब खालिस्तान की मांग करता रहता है. इसे भारत सरकार ने 10 जुलाई 2019 को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित किया था. 2020 में खालिस्तानी समूहों से जुड़े कई लोगों को आतंवादी घोषित किया था. यहीं नहीं खालिस्तान समर्थक दर्जनों वेबसाइट को बंद कराया था. खालिस्तान के समर्थन में 2020 में जनमत संग्रह शुरू किया गया था।
यहां आपको यह भी बता दें कि कनाडा में भी पिछले दिनों इसी तरह हिन्दू मंदिरों पर हमले किए जाते रहे हैं और उन के लिए भी खालिस्तान समर्थक चरम पंथियों को जिम्मेदार बताया जाता रहा है। इस के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में तो आए दिन हिन्दू मंदिरों के साथ ही हिन्दू नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म और धर्मांतरण की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।
भारत के दुश्मन ऐसी हरकतें एक षडयंत्र के तहत करते हैं ताकि भारत में घरेलू अशांति पैदा की जा सके और भारत अपनी तरक्की के रास्ते से हटकर अमेरिका जैसे विश्व शोषक के हाथों की कठपुतली बन जाए इस सब के पीछे कहीं न कहीं विदेशी सरकारों की शह रहती है वरना वहां मंदिरों या हिन्दूओं के खिलाफ पत्ता भी नहीं हिल सकता है भारत सरकार इन घटनाओं पर अपना सख्त विरोध दर्ज कराती रही है। देश भर में इन हमलों को लेकर नाराजगी है। सरकार को इस मामले में गंभीरता से सख्त कदम उठाने चाहिए आज का भारत किसी विदेशी ताकत की बिल्लियो की लड़ाई में बंदर की भूमिका स्वीकार नहीं करेगा।
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