योगिराज में छत से बेघर हुआ ग्रामीण , कागजों पर सिमटा जन कल्याणकारी योजना , स्थानीय जन प्रतिनिधि बेखबर
जन प्रतिनिधि के उपेक्षा का शिकार
राजन जायसवाल (संवाददाता)
नव सृजित विकास खण्ड कोन के दुरूह क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत करहिया में स्थानीय जन प्रतिनिधि की उपेक्षा देखने को मिली । गौरतलब है कि ग्राम पंचायत करहिया अति पिछड़ी आदिवासी क्षेत्र होने के नाते यह क्षेत्र आज भी विकास से कोसों दूर है जिसका नतीजा रहा कि स्थानीय निवासी विनोद कुमार चेरो का कच्चा घर जीता जगता उदारहरण है।
कुछ जानकारों का कहना है कि भले ही सरकार चेरो जाति के लिए तरह तरह की योजना चलाकर विकास की गंगा बहाने का दावा कर रही हो लेकिन हकीकत में हालात कुछ और ही बयां कर रही है।
Read More नहीं रुक रहा है ओवरलोड ओवर हाइट गन्ना ट्रकों का संचालन कभी घट सकती है बड़ी दुर्घटना प्रशासन मौनइसी क्रम में बतातें चलें कि विनोद चेरो के पास कच्चा का मकान था जो इस वर्ष अत्यधिक बारिश होने के कारण धाराशायी हो गया न तो उस गरीब व्यक्ति के पास रहने के लिए अपना स्वयं का छत है। वह किसी तरह से मजदूरी करके अपना जीवोकोपार्जन करता है। विनोद चेरो ने बताया कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे जन कल्याणकारी योजना प्राप्त करने के लिए प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक तक गुहार लगाई किन्तु किसी ने नहीं सुना ।
यहाँ तक कि अपने पत्नी बच्चों को अन्यत्र भेजकर अपना रोजी रोटी के लिए बाहर चला जाता है। इस बावत खण्ड विकास अधिकारी कोन से सेल फोन पर वार्ता किया गया । जिसके क्रम में उन्होंने आश्वासन दिया कि उक्त व्यक्ति को तत्काल विकास खण्ड कार्यालय भेंंजे ताकि उसे सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं से लाभान्वित कराया जा सके। अब देखना दिलचस्प होगा कि खण्ड विकास अधिकारी के हस्तक्षेप से उक्त गरीब को बरसात से पहले आवास मिल पायेगा या कागजों पर सिमट कर रह जायेगा।

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