बड़े ही धूमधाम से मनाया गया भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
स्वतंत्र प्रभात जिला संवाददाता - रवि द्विवेदी रिंकू
अमेठी के रामनगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचिका साध्वी सृष्टि लता रामायणी ने भगवान जन्म की कथा बहुत ही सुन्दर ढंग से वर्णन किया भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव से पहले समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए बताया कि भारत वर्ष में समुद्र मंथन के बाद निकला अमृत के चार स्थानों पर छलकता प्रयागराज पहुंचा कथा वाचिका ने बताया कि नाशिक,
उज्जैन सहित चार स्थानों पर अमृत छलकता हुआ अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंचा और अब अमृत का बंटवारे के लिए भगवान श्री हरि ने मोहनी रूप धारण करके अमृत बांटना शुरू किया लेकिन राहू केतु दैत्य छल से अमृत पान कर लिया और आज भी राहू केतु के कारण समस्या होती है।
उन्होंने बताया की लक्ष्मी जी की उत्पत्ति समुद्र मंथन के कारण हुआ। उन्होंने कथा के माध्यम से बताया कि 14 रत्नों का अवतार माना जाता है।कथा के माध्यम से पयोव्रत के बारे में बताया कि मिटृटी का लेपकर नदी में स्नान करके भगवान विष्णु की स्तुति करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।इन कथाओं के बाद भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाते हुए कथा वाचिक रामायणी ने बताया कि कहा गया है कि जब-जब धरती पर अत्यधिक अत्याचार होता है l
उस अत्याचारी को समाप्त करने के लिए भगवान किसी न किसी रूप में धरती पर जन्म लेकर अत्याचारी का संघार कर विश्व का कल्याण करते हैं ।कंस के अत्याचार से परेशान होकर लोगों ने भगवान से रक्षा की स्तुति की और भगवान कंस की सगी बहन। देवकी के कोख से आठवें पुत्र के रूप में जन्म लिया। भगवान के जन्मोत्सव कथा पर महिलाओं ने सोहर गीत गाये । बीच-बीच में श्रोताओं द्वारा नृत्य किया गया।
भगवान के जन्म पर सुन्दर झांकी प्रस्तुत की गई।बधाई गीत गाये गाये । भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे से हजारों की संख्या में भरे श्रोताओं से पंडाल गूंज उठा ।
जन्मोत्सव को लेकर पंडाल को रंगीन गुब्बारे से सजाया गया। भगवान के जन्म पर माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया।इस कथा के मुख्य अतिथि के रूप में अमेठी भूपति महराज डॉ संजय सिंह,व महारानी डॉ अमिता सिंह मुख्य यजमान राजेश कुमार गुप्ता, बाबूलाल गुप्ता, धर्मेंद्र गुप्ता, जितेंद्र गुप्ता, उमाशंकर मनोज, रमेश गुप्ता,विशाल गुप्ता आदर्श,अभय अर्जित सहित हजारों की संख्या में श्रोता पंडाल में मौजूद रहें।

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