जंगल विभाग में जंगल और वन अपराधियों का राज

चरम पर वन अपराध और लगभग महीनों से चलती है जांच

जंगल विभाग में जंगल और वन अपराधियों का राज

मीडिया को भी गुमराह करने से बाज नही आते क्षेत्रीय वन रेंज अधिकारी

ब्यूरो चीफ दिवाकर कसौधन की रिपोर्ट 

बलरामपुर

आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू के बारे में। हर साल उन्होंने प्रदेश को हरा-भरा रखने के लिए पेड़-पौधों को अधिक से अधिक लगाने की मुहिम चलाई जा रही है। यह पहल पर्यावरण को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

इस मुहिम का मकसद है कि हम सभी मिलकर प्रकृति को संरक्षित रखें। हमारे आसपास का माहौल स्वस्थ और सुरक्षित रहे। पेड़-पौधों को लगाने से हम प्राकृतिक हवा को साफ और प्राकृतिक होने में मदद मिलती है, साथ ही जल, मिट्टी, और प्राणियों के लिए भी यह काफी महत्वपूर्ण है।

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यह प्रक्रिया हमें प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने में भी मदद करती है, क्योंकि पेड़-पौधों का होना हमें प्राकृतिक कलमी से सुरक्षित करता है।

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मुझे गर्व है कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसे नेता हमें पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्णता समझा रहे हैं और हमें साथ मिलकर प्रकृति को संरक्षित रखने की मुहिमों में सहायता करने का मौका दे रहे हैं।पेड़-पौधों को अधिक से अधिक लगाने में हमारा सहयोग करें और हम सभी मिलकर प्रकृति को सुरक्षित बनाएं।IMG-20240901-WA0011

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हम सभी को पता है कि हमारे पर्यावरण की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और वन्यजीवों के संरक्षण के मुद्दे हमारे समक्ष खड़े हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में 'पेड़-पौधे महोत्सव' का आयोजन किया जा रहा है। हर साल इस महोत्सव के अंतर्गत प्रदेश के हर कोने में पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश को हरा भरा रखने के लिए प्रतेयक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च के साथ-साथ

 वन अपराधियों के लिए कड़े कानून का पालन करने के लिए वन विभाग को दी गई जिम्मेदारी का विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा है कोई फर्क आपको अवगत कराते चले कि पिछले लगभग एक महीना पहले सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग के बारहवा रेंज के जंगलों से अवैध कटंग की तस्वीर आई थी प्रकाश में जिस पर विभागीय अधिकारियों के द्वारा जांच करते हुए यह बताया गया की 10 पेड़ों जंगल विभाग में जंगल और वन अपराधियों का राज

के कटान का प्रमाण मिला है जिस पर बनाई गई है रिकवरी वहीं दूसरी तरफ लगभग एक महीने पहले वन रेंज क्षेत्र के परसपुर इट भट्टे के पास से 248 वोट सागवान की लकड़ी को धारा 69 के तहत जप्त किया गया जिस पर रेंज अफसर के द्वारा नहीं की जा रही थी कार्रवाई मीडिया कर्मियों के द्वारा जानकारी लेने पर रेंज अफसर राकेश पाठक के द्वारा मीडिया कर्मियों को भी किया गया गुमराह उनके द्वारा बताया गया है की सागवान की लकड़ी वैध है उसकी नपत और जांच कराई गई है लेकिन मीडिया कोमियो के द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराने पर उपप्रभावीय वन अधिकारी ऍम बी सिंह के द्वारा 248 बोटा सागौन की लकड़ी को धारा 69 के तहत जप्त करते हुए दीनानाथ शर्मा के नाम से कैसे रजिस्टर किया गया वही जंगल क्षेत्र के बन चौकी लोकिया और बनकटी से भी लगभग 15 दिन पहले 174 और 63 अवैध कटान की गई सागौन की लकड़ी मिली जिस पर भी उप प्रभागीय वन अधिकारी के द्वारा धारा 69 के तहत जप्त कर लिया गया जप्त करने के उपरांत अभी तक वन विभाग जांच में यह नहीं पता लगा पाई कि वह लकड़ी देसी है या जंगली जबकि इससे पहले भी कई बार बड़े पैमाने में अवैध कटन की तस्वीर आती रही है प्रकाश में जिस पर निरंतर मीडिया कर्मियों के प्रयास पर होती रही है कार्रवाई वही बड़ा सवाल यह उड़ता है कि आखिर मीडिया कर्मियों के संज्ञान में आने के बाद ही वन विभाग क्यों कर रहा है कार्रवाई उससे पहले वन विभाग को क्यों नहीं मिल रही है जानकारी क्या वन विभाग के पास नहीं रह गई अब कोई भी सूत्र आपको अवगत कराते चले की सुहेलवा वन्य जीव विभाग के जंगल तथा ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध काटन की तस्वीर आती रही प्रकाश में जिसकी जानकारी वन विभाग के सभी उच्च अधिकारियों तक पहुंचती रही कई कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद कुछ वनकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई भी की गई।IMG-20240901-WA0009

पूर्व जिलाधिकारी अरविंद सिंह जांच में दोषी पाए जाने पर उनके द्वारा दिए गए निर्देश पर भाभर रेंज अफसर डीपी सिंह पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा भी जनपद के तुलसीपुर थाने में दर्ज किया जा चुका है ऐसे में सवाल यह उठता है।

क्या वन अपराधियों पर मेहरबान है वन विभाग और एक रेंज से लेकर जिले व राजधानी तक मजबूत है भ्रष्टाचार की जड़ अगर बात सिर्फ अवैध कटान की हो तो बात की बात परन्तु वन्य जीव पर भी शिकार के मामले भी आए दिन बने रहते हैं प्रकाश में चाहे वह बनकटवा रेंज हो या फिर बारहवा और जनकपुर ही क्यों ना हो।

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