उत्तर कोरिया के राजनयिक ने पत्नी-बच्चों समेत अपना देश छोड़कर दक्षिण कोरिया में ली शरण
International Desk
दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया के एक राजनयिक ने दक्षिण कोरिया में शरण ली है। एजेंसी ने दावा किया कि शरण लेने वाले राजनयिक क्यूबा में उत्तर कोरिया के राजनीतिक मामलों के सलाहकार थे। चोसुन डेली की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई राजनयिक री इल क्यू 2019 से क्यूबा में प्योंगयांग के दूतावास में राजनीतिक मामलों के लिए जिम्मेदार थे। उन्हें विशेष रूप से दक्षिण कोरिया और क्यूबा के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना में बाधा डालने का काम सौंपा गया था।
री के कथित दलबदल के लगभग तीन महीने बाद, सियोल और हवाना जो प्योंगयांग के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक है, और एक साथी कम्युनिस्ट राज्य है। दक्षिण कोरिया के चोसुन डेली के साथ एक विशेष साक्षात्कार में री ने कहा कि प्योंगयांग द्वारा चोट लगने के बाद मेक्सिको में चिकित्सा उपचार लेने के उनके अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद उन्होंने देश छोड़ने का फैसला किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर की शुरुआत में री अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दक्षिण कोरिया चले गए, जिससे वह 2016 में ब्रिटेन में प्योंगयांग के उप राजदूत थाए योंग हो के बाद से सबसे ऊंचे पद पर आसीन उत्तर कोरियाई राजनयिक बन गए। दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों ने एएफपी को बताया कि वे दलबदल की पुष्टि करने में असमर्थ हैं। सियोल के एकीकरण मंत्रालय ने पहले उत्तर कोरियाई अभिजात वर्ग द्वारा दलबदल की बढ़ती संख्या को चिह्नित किया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि 2023 में 196 में से लगभग 10 दलबदल हुए थे, जो वर्षों में सबसे अधिक है।
30 स्कूली बच्चों की हत्या का उत्तर कोरिया में दावा
दक्षिण कोरिया सरकार के एक अधिकारी के हवाले से दक्षिण कोरिया के मीडिया में दावा किया गया है कि उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने पिछले हफ्ते माध्यमिक विद्यालय के 30 नाबालिग छात्रों को सार्वजनिक रूप से गोली मारकर हत्या कर दी थी। छात्रों ने कथित तौर पर यूएसबी पर संग्रहित दक्षिण कोरियाई नाटक देखे थे। इन यूएसबी को कथित तौर पर पिछले महीने सिओल से गुब्बारों के जरिए उत्तर कोरिया भेजा गया था। हालांकि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने इस खबर की पुष्टि नहीं की। बता दें कि उत्तर कोरिया में दक्षिण कोरिया की मीडिया सामग्री को वितरित करने पर मौत की सजा का प्रावधान है। वहीं दक्षिण कोरिया की मीडिया सामग्री को देखने पर भी 15 साल जेल की सजा मिलती है।
उत्तर कोरिया के अब तक करीब 34 हजार लोगों ने दक्षिण कोरिया में ली शरण
वहीं दक्षिण कोरिया की एक समाचार एजेंसी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि री ने उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गंभीर मतभेदों के बाद वहां से भागने का फैसला किया। दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने अभी उत्तर कोरियाई राजनयिक के भागकर सियोल आने की पुष्टि नहीं की है। साल 1950-53 के कोरियाई युद्ध के समाप्त होने के बाद से लगभग 34,000 उत्तर कोरियाई लोग आर्थिक कठिनाइयों और राजनीतिक दमन से बचने के लिए दक्षिण कोरिया चले गए हैं।
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