डॉक्टर लिख रहे बाहर की दवाइयां

डॉक्टर लिख रहे बाहर की दवाइयां

स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकरनगर।
 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटेहरी के डॉक्टरों द्वारा अस्पताल में दवाओं की अनुउपलब्धता मरीजों को बताकर उन्हें बाहर से लेने की सलाह की परम्परा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जब कि सरकार का हमेशा यही दावा है कि कहीं भी कोई अभाव नहीं है,मरीज अपने स्वास्थ्य का बेहतर इलाज करायें किन्तु यह हवा-हवाई बनकर रह गया है।
 
ज्ञात हो कि मरीजों के स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा अस्पतालों की व्यवस्था में अरबों रूपये व्यय किया जा रहा है और मरीजों को यह आश्वासन भी प्रचार व खबरों के माध्यम से दिये जाते रहते है कि कहीं कोई समस्या नहीं है इन सब के बावजूद भी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की अनुउपलब्धता मरीजों व तीमारदारों को बताना परम्परा बन गयी है।
 
इसके पीछे सरकारी डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर संचालकों में साठ-गांठ होना बताया जा रहा है ऐसा ही मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटेहरी का आया है जिसमें मरीज कृष्णा का कहना है कि वे मंगलवार को उक्त सरकारी अस्पताल में गये और अपने स्वास्थ्य की समस्या से डॉक्टर को रूबरू कराया गया जहां सम्बंधित डॉक्टर ने मामूली दवाओं को सरकारी पर्चे से लेने को कहा गया और इसके अलावा एक पर्ची पर सैकड़ों रूपये की दवा लिख दी गयी।
 
मरीज का कहना है कि जब बाजार लेने की अस्मर्थता जताया तो सम्बंधित डॉक्टर ने कहा कि ठीक होना है तो बाहर से ही दवा लेना पड़ेगा नहीं तो परेशानी झेलते रहो। इसके अलावा उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र क्षेत्र के दर्जनों मरीजों का भी कहना है कि यह कोई नयी बात नहीं है यहां जो भी डॉक्टर तैनात होते है उनकी आदत में शुमार है सभी के अपने-अपने चुनिंदा मेडिकल स्टोर है जहां उनके द्वारा लिखे पर्चे भेजकर दवाओं को लेने की सलाह दिया जाता रहता है।

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