जापान का प्राइवेट स्पेस मिशन फेल उड़ान के ठीक 5 सेकेंड बाद ब्लास्ट
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स्वतंत्र प्रभात
जापान का पहला प्राइवेट स्पेस मिशन नाकाम हो गया है। बुधवार को प्राइवेट फर्म स्पेस वन का काईरोस रॉकेट उड़ान भरने के महज 5 सेकेंड बाद ब्लास्ट हो गया। इसके क्लियर वीडियो फुटेज भी सामने आया है। स्पेस वन ने पिछले हफ्ते दावा किया था इस मिशन की तमाम टेस्टिंग पूरी हो चुकी है और फाइनल राउंड के लिए उसकी टीम तैयार है। काईरोस 59 फुट लंबा रॉकेट था। जापान के वक्त के मुताबिक, इसने बुधवार सुबह 11 बजकर 1 मिनट पर टेकऑफ किया। इसके बाद यह फट गया।
मलबे से सुराग जुटाए जाएंगे
- स्पेस वन ने कहा है कि समुद्र से रॉकेट के मलबे को निकाला जाएगा और इसके बाद ब्लास्ट के कारणों का पता लगाया जाएगा। शुरुआती जानकारी के मुताबिक- फ्लाइट टर्मिनेशन में टेक्निकल फॉल्ट के चलते रॉकेट ब्लास्ट हुआ। सरकारी जांच एजेंसी भी मलबे का एनालिसिस करेगी। हालांकि, अभी सरकार की तरफ से इस नाकाम मिशन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
- यह काईरोस रॉकेट मिशन पूरी तरह ऑटोमेटेड था। इसमें खासतौर पर फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम इंस्टॉल किया गया था। इस सिस्टम के जरिए रॉकेट में अगर ऐन वक्त पर कोई खराबी आती है तो उसे रोका जा सकता है। 12 इंजीनियर इस मिशन को कंट्रोल कर रहे थे।
- हादसे में किसी कर्मचारी को चोट नहीं आई। स्पेस वन कंपनी 2018 में बनाई गई थी। दरअसल, इसमें प्राइवेट सेक्टर की कई स्पेस कंपनियां शामिल थीं। इसकी फंडिंग डेवलपमेंट बैंक ऑफ जापान करती है।
कई घंटे तक रहा धुआं
- काईरोस की लॉन्चिंग के लिए काए क्षेत्र में लॉन्च पैड बनाया गया था। यह पश्चिमी जापान में समंदर से लगा क्षेत्र है। स्पेस वन कंपनी का मकसक इस रॉकेट के जरिए रिसर्च वर्क को बढ़ाना था। लॉन्चिंग के फौरन बाद यह फट गया और मलबा करीबी समुद्री खाड़ी में जा गिरा। ब्लास्ट के बाद काए इलाके में कई घंटे तक धुआं नजर आया।
- कंपनी का दावा था कि उसका रॉकेट सिस्टम सबसे एडवांस्ड है। इसमें जापान की सरकारी स्पेस एजेंसी के कुछ इंस्ट्रूमेंट्स भी लगाए गए थे। दावा किया जा रहा था कि इसका इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने में भी किया जाएगा।
- अब कंपनी कह रही है कि तमाम टेस्टिंग के कामयाब होने के बाद लॉन्चिंग फ्लॉप क्यों रही? इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
खर्च नहीं बताया
- स्पेस वन ने कभी यह नहीं बताया कि उसका बजट कितना है और खासतौर पर काईरोस की लॉन्चिंग पर कितना खर्च हुआ। अमेरिकी कंपनी रॉकेट लैब से इसका मुकाबला माना जाता है।
- रॉकेट लैब ने अब तक 40 छोटे रॉकेट लॉन्च किए हैं। इसने अपना लॉन्च पैड 2017 में न्यूजीलैंड में बनाया था। पिछले साल जुलाई में भी जापान का स्पेस मिशन नाकाम रहा था। हालांकि, तब लॉन्चिंग के ठीक पहले इसके इंजिन में आग लग गई थी। 13 जनवरी को मून लैंडिंग करने वाला जापान दुनिया का पांचवा देश बना था।
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