स्थानीय पुलिस की मिली भगत के चलते अवैध कारोबारी की बल्ले बल्ले
ओवरलोड वाहनो से हो रही दुर्घटनाएं, प्रशासन के कानों पर नहीं रंग रहा जूं
On
स्वतंत्र प्रभात
लहरपुर सीतापुर ओवरलोड वाहनों की समस्या लहरपुर तहसील क्षेत्र में जस की तस बनी हुई है। स्थानीय पुलिस की मिली भगत के चलते जहां एक तरफ अवैध कारोबारियों की पौ बारह है वहीं दूसरी तरफ ओवरलोड वाहनों के चलते पिछले दो वर्षों मे हुई दुर्घटनाओं में आधा दर्जन से ऊपर हो चुकी मौतों के बावजूद प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। बताते चलें कि लहरपुर तहसील क्षेत्र अवैध बालू/मिट्टी खनन , अवैध लकड़ी कटान के लिये दशकों से चर्चित रहा है। आसपास के ग्रामीण अंचल से लकड़ी से भरे ओवरलोड वाहन कस्बे के ही दो प्लाटों पर रोज लकड़ी गिराते हैं जहां लकड़ी की बिक्री होती है।
जहां स्थानीय पुलिस द्वारा चिह्नित प्राइवेट व्यक्तियों के द्वारा प्रति वाहन एक मोटी रकम की वसूली की जाती है । यही नहीं प्रदेश के विभिन्न शहरों से आने वाले ओवरलोड मौरंग व गिट्टी से भरे आधा दर्जन से अधिक ट्रक लहरपुर की विभिन्न दुकानों पर उतारे जाते हैं, जिनसे भी प्रति ट्रक एक मोटी रकम वसूली जाती है। बताते चलें कि लगभग 2 वर्ष पूर्व एक भाजपा नेता के नाम इस लकड़ी प्लाट का ठेका हुआ था, किंतु मीडिया की सुर्खियां बन जाने से तत्कालीन लहरपुर कोतवाल इंद्रजीत सिंह ने इसे खत्म करा दिया था, किंतु इंद्रजीत सिंह के स्थानांतरण के बाद से स्थानीय पुलिस ने लकड़ी के इस प्लाट की वसूली पर स्थानीय नेताओं की बजाय खुद ही कब्जा कर लिया, जो आज भी बदस्तूर जारी है।
ऐसा नहीं है कि उच्च प्रशासनिक अधिकारी इन मामलों का संज्ञान नहीं लेते हैं। बताते चलें कि जिलाधिकारी अनुज सिंह के निर्देश पर ओवरलोड वाहनों की चेकिंग के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसमें लहरपुर उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी व एआरटीओ सीतापुर को शामिल किया गया था, लेकिन यह तीन सदस्यीय समिति अपने गठन के बाद से ही लगातार सफेद हाथी बनी हुई है और स्थानीय पुलिस की खाऊ कमाऊ नीति के चलते विभिन्न ओवरलोड वाहन कोतवाली पुलिस की लगातार कमाई का जरिया बने हुए हैं।
यह ओवरलोड वाहन पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय व उप जिलाधिकारी कार्यालय के सामने से दिन रात फर्राटा भरते देखे जा सकते हैं। जब कभी किसी ओवरलोड वाहन से हुई दुर्घटना में कोई मौत हो जाती है, तो दो-चार दिन स्थानीय कोतवाली पुलिस दिखावे भर के लिए एक दो वाहनों पर कार्रवाई जरूर कर देती है। सूत्रों की माने तो सिर्फ उन वाहनों पर कार्रवाई की जाती है, जिन्होंने स्थानीय पुलिस द्वारा नियत किये गए सुविधा शुल्क का भुगतान नहीं किया होता है। ओवरलोड वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में हो रही मौतों का सिलसिला कब थमेगा? यह एक यक्ष प्रश्न है, जिसका जवाब वक्त ही बताएगा।
इस संबंध में जब उप जिलाधिकारी आकांक्षा गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग के इस विषय को वह तुरंत दिखवाती हैं और जो विद सम्मत होगा वह तुरंत किया जाएगा इस संबंध में जब कोतवाली प्रभारी मुकुल प्रकाश वर्मा से उनके सीयूजी नंबर पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो हमेशा की तरह उनके सीयूजी नंबर स्विच ऑफ बताता रहा इस संबंध में जब पुलिस क्षेत्राधिकार सुशील यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा हम मार्ग पर चलने वाले वाहनों को नहीं रोक सकते पर जब चेकिंग अभियान चलता है तो ऐसे ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध प्रशासन कार्रवाई करता है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
इफको फूलपुर को ग्रीन टेक अवॉर्ड मिला।
20 Jan 2025 20:32:23
स्वतंत्र प्रभात। ब्यूरो प्रयागराज। इफको घियानगर फूलपुर इकाई को ग्रीनटेक फाउंडेशन की तरफ से ग्रीनटेक कॉरपोरेट कॉमु्निकेशन एंड पब्लिक रिलेशन...
अंतर्राष्ट्रीय
इस्पात नगर केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग ! कई फायर स्टेशन की गाड़ियों ने आग पर पाया काबू
20 Jan 2025 23:24:40
कानपुर। आज सुबह इस्पात नगर स्थित एक कैमीकल फैक्ट्री के गोदाम में भीषण आग लग गई। आग ने इतना विकराल...
Comment List