रायबरेली अधिकारियों की सांठगांठ से हो रही विकास कार्यों में धांधली
खीरों,रायबरेली।
मामला न शान्त होते देख शुक्रवार की दोपहर दोसदस्यी जांच टीम मौके पर जांच करने पहुंची। दो दर्जन से अधिक ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। ग्रामीणों ने जांच टीम को बताया कि शिकायत के बाद से रात-दिन निर्माण चल रहा था। गड्ढों में सिर्फ दो-दो रद्दा जुड़ाई कर ढक्कन रखकर भ्रष्टाचार को मिटाने का प्रयास किया गया है। जांच टीम के सामने ग्रामीण, ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार का खुलासा कर रहे थे। ग्राम प्रधान, ग्रामीणों के साथ बदसलूकी और बदजुबानी कर रहा था।
प्रधान ने कई ग्रामीणों को जांच टीम के सामने धमकाया। लगभग ढाई घंटे तक चली जांच प्रक्रिया में ग्रामीणों ने गांव में हुए भ्रष्टाचार की कलई खोल कर रख दी। जांच टीम ने दो साल पहले ग्राम पंचायत के सुंदरिया खेड़ा गांव में बनाए गए सिर्फ 7 गड्ढों में इसी हफ्ते बने अन्य 7 नए निर्मित गड्ढों को शामिल करते हुए कुल 14 सोकपिट पहले से निर्मित दिखा दिए। जिससे ग्रामीण हंगामा करने लगे। ग्रामीणों के विरोध के बाद जांच टीम प्रधान का पक्ष लेने से बचती दिखी। मौके पर 13 सोकपिट निर्माणाधीन व 17 अवशेष मिले। 3 खाद गड्ढों में से एक निर्माणाधीन व दो अवशेष मिले।
मौके पर जारी सभी निर्माण कार्य मानक के विपरीत पाया गया। जांच करने पहुंचे एडीओआईएसबी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और एडीओ पंचायत कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत पर निर्माण कार्यों की जांच की गई है। 14 सोकपिट निर्मित पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट बीडीओ को सौंपी जाएगी।
बीडीओ डॉ अंजू रानी वर्मा ने बताया कि जांच टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधान इरशाद अली पुत्र शमशाद अली ने बताया कि मेरे कार्यकाल के अभी तीन वर्ष शेष हैं। दो साल पहले जिस निर्माण कार्य के लिए धन निकाला गया था, उसे अब पूरा कराया जा रहा है।
प्रधान के दरवाजे दिखा भ्रष्टाचार
हरीपुर मिरदहा में शिव प्रसाद के दरवाजे दो रद्दा चढ़ाकर ढक्कन रख दिया गया। मस्जिद के सामने व परसादी के दरवाजे सिर्फ ढक्कन ही रखा मिला। प्रधान के दरवाजे सोकपिट का निर्माण कार्य शुरू था। पूरी ग्राम पंचायत में ऐसे ही चालीस स्थानों पर गड्ढों का निर्माण पूरा दिखाने का खेल चल रहा है।
हरीपुर मिरदहा में जांच में अधिकारियों द्वारा जानबूझकर देरी की जा रही थी। जिससे कि प्रधान को निर्माण कार्य पूर्ण कराने का पूरा मौका दिया जा सके। लेकिन लगातार उठ रहे मामले से मचे हड़कंप के बाद ऐसा संभव नहीं हो सका। अधूरे निर्माण कार्य को देखना अधिकारियों की मजबूरी बन गया। अधिकारियों की सांठगांठ से क्षेत्र में आए दिन विकास कार्यों में हो रही जमकर लूट और धांधली के मामले सामने आते रहते हैं। हर बार जिम्मेदार अधिकारी लीपापोती कर भ्रष्टाचार के पाले में खड़े मिलते हैं।

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