ये असली कहानी है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की
थाने में घुसने से भी थोड़ा डर रहा था. वहां पुलिसवाले तैनात थे. लेकिन डर के मारे वो बेचारा बुजुर्ग किसान कुछ बोल भी नहीं पा रहा था.
पुलिसवाला भी थोड़ी देर के लिए अचरज में पड़ गया. कि आखिर ये करेगा क्या. साइन करेगा या अंगूठा लगाएगा ?
स्वतंत्र प्रभात-
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इसलिए रपट लिखकर चोरों को पकड़िए...ना साहब. अब नौबत ये आ गई वो बेचारा किसान क्या करता. बिना रिपोर्ट कराए जाए तो भी कैसे. परेशान होकर बिल्कुल मन रूआंसा हो गया. उस कुर्सी-टेबल से थोड़ा दूर आकर सिर पकड़कर बैठने लगे. तभी एक सिपाही पास पहुंचा. धीरे से कान के पास आकर बोला. ...बाबा अगर कुछ खर्चा-पानी हो जाए तो रपट लिख जाएगी. अब रपट लिख जाने की बात पर तो किसान खुश हो गए. लेकिन खर्चा-पानी तो ज्यादा ही देना होगा. ये सोचकर उनके माथे पर फिर से शिकन आ गई. अब वो किसान बोलने लगे कि हम तो पहले से ही परेशान हैं. अब पैसे कैसे दे पाएंगे. मैं बहुत ही गरीब हूं. कुछ जुगाड़ से करा देते तो बड़ी मेहरबानी होगी. काफी बात के बाद भी वो सिपाही राजी नहीं हुआ तो आखिरकार उस समय 35 रुपये पर बात तय हुई. अब उस गरीब किसान ने 35 रुपये चुपके से पकड़ाए तो कागज के टुकड़े पर मुंशी ने रपट लिखना शुरू किया. उनकी शिकायत पर तहरीर लिखी.
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फिर मुंशी ने कहा कि... अरे बाबा साइन करोगो कि अंगूठा लगावोगे. फिर ये कहते हुए उस पुलिसवाले ने पेन और अंगूठा लगाने वाला स्याही का पैड भी आगे बढ़ा दिया. अब उस किसान ने पहले पेन उठाया और फिर स्याही वाला पैड भी. पुलिसवाला भी थोड़ी देर के लिए अचरज में पड़ गया. कि आखिर ये करेगा क्या. साइन करेगा या अंगूठा लगाएगा ? अब वो पुलिसवाला इसी उधेड़बून में था कि आखिर ये किसान क्या करने वाला है. तभी उस किसान ने कागज पर अपना साइन किया. और फिर अपने मैले-कुचैले कुर्ते की जेब से एक मुहर निकाली. उसी मुहर को स्याही के पैड पर लगाकर कागज पर ठोंक दिया. ये देखकर पुलिसवाला फिर अचरज में पड़ गया.
इस किसान ने जेब से कौन सी मुहर निकालकर ठप्पा मार दिया. उसे देखने के लिए तुरंत कागज को उठाया और पढ़ा. तो उस पर साइन के साथ नाम लिखा था...
चौधरी चरण सिंह. और मुहर से जो ठप्पा लगा था उस पर लिखा था...प्रधानमंत्री, भारत सरकार.ये देखते ही उस पुलिसवाले के पैर कांपने लगे. तुरंत सैल्यूट किया और माफी मांगा. अब थोड़ी देर में पूरे थाने क्या, बल्कि पूरे जिले में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में तमाम पुलिस अधिकारी और प्रशासन मौके पर पहुंचा. इसके बाद उस समय ऊसराहार थाने के सभी पुलिसकर्मयों को सस्पेंड कर दिया गया.

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