क्यों बन जाते है लोग हत्यारे , जानते है डॉ सुमित्रा से की खाने पीने का क्या सम्बन्ध है उत्तेजना से

क्यों बन जाते है लोग हत्यारे , जानते है डॉ सुमित्रा से की खाने पीने का क्या सम्बन्ध है उत्तेजना से

डॉ सुमित्रा अग्रवाल

जीवन की आपा धापी में ये संभव नहीं की हम अपने आप से संतुष्ट हो ,सबसे संतुष्ट हो, अपनी परिस्थिति से संतुष्ट हो।  असंतोष हर व्यक्ति को होता है।  फिर ऐसा कैसे होता है की कोई बर्दाश्त कर लेता है और कोई लड़ाई कर लेता है और कोई खून खराबा कर लेता है।  आहार, व्यवहार और विचार का गहरा सम्बन्ध है।  

जैसे व्यक्ति की प्रकृति सात्विक, राजसिक और तामसिक होती है ठीक उसी प्रकार भोजन की भी तीन प्रकृति होती है और आप क्या खा रहे है और किस प्रकिति का भोजन खा रहे है ये आपकी प्रवृति के लिए जिम्मेदार है।  

सात्विक भोजन हल्का, आसानी से पचने वाला और शरीर को उच्च ऊर्जा स्तर प्रदान करने वाला होता है। वे एक स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली चाहने वाले व्यक्तियों के लिए आदर्श हैं।

कौन से खाद्य पदार्थ सात्विक हैं?

सात्विक भोजन शरीर और मन के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होते हैं क्योंकि वे शांति को बढ़ावा देते हैं। सात्विक खाद्य पदार्थ ताजा, जैविक और शाकाहारी होते हैं, जो शरीर को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। सात्विक खाद्य पदार्थों  -
ताजे फल और सब्जियां, फलियां जैसे दाल, बीन्स और छोले, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, क्विनोआ और जौ, मेवे और बीज जैसे बादाम, काजू और तिल, जैविक डेयरी उत्पाद जैसे शाकाहारी दूध, और घी, हर्बल चाय जैसे कैमोमाइल, पुदीना और अदरक की चाय बहुत से शाकाहारी अब राजसिक प्रवृति की तरफ बढ़ने लगे है।  उनकी माने तो वे शाकाहारी लोगो के साथ खाना नहीं पसंद करते है।  कारण पूछने पर आप जानेंगे की उनका मानना है की क्यों की वे अब मांश खाने लगे है तो शाकाहारी लोगो को ये गलत लगता है और सम्बन्धो में कटुता आती है , इस लिए वे शाकाहारी मित्रो और परिवार जनो के साथ खाना नहीं खाते है। राजसिक खाद्य पदार्थ उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी हो सकते हैं जिन्हें अपनी शारीरिक या मानसिक गतिविधि के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता होती है, लेकिन अत्यधिक खपत से शरीर और मन में असंतुलन हो सकता है।

राजसिक खाद्य पदार्थ क्या हैं?

राजसिक भोजन को आयुर्वेद में और धर्म ग्रंथो में उत्तेजक और स्फूर्तिदायक माना गया  है। वे हृदय गति, श्वसन और रक्तचाप बढ़ा सकते हैं,  राजसिक खाद्य पदार्थों - मांस, मछली, मुर्गी, कॉफी, चाय, चॉकलेट, अचार, सिरका, ज्यादा नमक - चीनी, लहसुन, प्याज, मसालेदार भोजन जैसे मिर्च, तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे फ्रेंच फ्राइज़ और तला हुआ चिकन।  
 धयान देने की बात ये है की उच्च रक्तचाप, चिंता या अनिद्रा वाले व्यक्तियों के लिए राजसिक खाद्य पदार्थ अनुपयुक्त है।

 
तामसिक खाद्य पदार्थ क्या हैं?

तामसिक भोजन भारी, नीरस और ऊर्जा की कमी वाला माना जाता है।आज के मॉडर्न ज़माने में इसे जंक फ़ूड के नाम से जाना जाता है।  वे अक्सर पचाने में मुश्किल होते हैं और सुस्ती, मानसिक भ्रम और आलस्य पैदा करते हैं। तामसिक खाद्य पदार्थों - घर की मताये और स्तरीय पराये बासी या बचा हुआ खाना खा लेती है और नाना समस्या का सामना करती है ,  शराब, ड्रग्स, सफेद ब्रेड, मांस जो ताजा तैयार न हो, पास्ता, चीनी, बहुत अधिक मसालेदार या तला हुआ भोजन, शुगर फ्री।

विशेष ध्यान देने की बात ये है की तामसिक खाद्य पदार्थों से जितना हो सके बचना चाहिए, क्योंकि ये शरीर और दिमाग में असंतुलन पैदा करते हैं। असंतुलित व्यक्ति अपने लिए भी खतरा बनता है और दूसरे के लिए भी।  ये कभी अपने आपको नुकसान पंहुचा देते है और कभी दुसरो की जान भी ले लेते है।

संतुलित आहार में मुख्य रूप से सात्विक खाद्य पदार्थ होने चाहिए, राजसिक और तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए।

जैविक रूप से उगाए गए मौसम अनुसार ताजा, संपूर्ण सब्जियां, फल खाएं ।अनाज, फलियां, नट और बीजों का सेवन करें।
भोजन को भाप से पकाना या भून कर खाये । खाते समय शांत मन  से खाने पर केंद्रित कर के खाने को चबा चबा के खाये।
भूख से अधिक न खाये।  संतुष्ट  होने से पहले ही खाना बंद कर दें। ज्यादा खाने से शरीर और दिमाग में असंतुलन पैदा हो सकता हैं।

जऱ, जोरू और जमीन के लिए इतिहास में भी कई लड़ाईया हुई है और आज भी होती है बात हत्या तक भी पहुंच जाती है।  हत्यारो की प्रवृति महत्वपूर्ण है , उनका मानसिक असंतुलन, परवरिश , खान पान , जन्मपत्रिका में खून करने के योग सब समान रूप से काम करते है तब जा कर वो वैशी, दरिंदा बन जाता है और एक इंसान को बेरहमी से मार डालता है।
अपने बच्चों में अगर इन लक्षणों को देखे तो बचपन में ही मनोचिकित्सक से संपर्क करे और इलाज चालू कर दे। आप जब एक बच्चे को जन्म देते है तो न केवल आप अपना परिवार आगे बढ़ा रहे होते है, बल्कि आप देश को भी एक नागरिक देते है।  ये आपकी ही जिम्मेदारी है की देश को एक अच्छा नागरिक दे, न की इंसान के रूप में दरिंदा दे।

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