मनीबॉक्स फाइनैंसः महिला उद्यमियों को सशक्त बनाकर वित्तीय समावेशन को कर रही प्रोत्साहित

यह आंकड़ा 2.15 लाख से बढ़कर 1.23 करोड़ पर आ गया है, जो घरेलु एमएसएमई का 20 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।

इन लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपने शाखा नेटवर्क को बढ़ाकर 60 तक पहुंचाने

बीएसई पर सूचीबद्ध एनबीएफसी मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड (मनीबॉक्स), लघु उद्यमियों, खासतौर पर महिलाओं को व्यवसा के लिए ऋण उपलब्ध कराकर उनकी आय को बढ़ाने में योगदान दे रही है और इस तरह वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

 

 जनवरी 2023 तक कुल रु 440 करोड़ के ऋण वितरण के साथ मनीबॉक्स 6 राज्यों में 26,000 से अधिक ऋण लेने वालों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुकी है, इनमें से 50 फीसदी से अधिक महिला उद्यमी हैं। मध्य प्रदेश में मनीबॉक्स ने अपना संचालन शुरू करने के तीन साल के भीतर 3000 से अधिक महिलाओं को अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।

 

महिला उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मनीबॉक्स ने ऋण सुविधाओं को आसान बनाकर उनके जीवन में सुधार लाने की योजनाएं बनाई हैं। कंपनी तीसरे स्तर के शहरों एवं अन्य छोटे शहरों के लघु-उद्यमियों को व्यवसाय के लिए ऋण उपलब्ध कराकर उनकी आय बढ़ाने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

पिछले दशक के दौरान देश में लघु एवं सूक्ष्म उद्यम चलाने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, यह आंकड़ा 2.15 लाख से बढ़कर 1.23 करोड़ पर आ गया है, जो घरेलु एमएसएमई का 20 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। भारत में चल एवं अचल सम्पत्ति की पहुंच की बात करें तो देश उद्यमिता के लिए लिंग अंतराल की दृष्टि से तीसरे स्थान पर है।

 

इस लिंग अंतराल को दूर करने के प्रयासों पर बात करते हुए मयूर मोदी, सह-संस्थापक, मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड ने कहा, ‘‘अन्य क्षेत्रों की तुलना में दूसरे एवं तीसरे स्तर के शहरों से उभरते महिला उद्यमियां के पास नेटवर्किंग के अवसरों का अभाव होता है। इस समस्या के समाधान के लिए गुणवत्तापूर्ण, गैर-पारम्परिक ऋण मूल्यांकन दृष्टिकोण, प्रोडक्ट इनोवेशन, टेक्नोलॉजी के उपयोग और नीतिगत सुधारों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि महिला उद्यमियों के लिए ऋण की सुलभता को बढ़ाया जा सके।’’

 

इन लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपने शाखा नेटवर्क को बढ़ाकर 60 तक पहुंचाने और वित्तीय वर्ष 2023 के अंत तक रु 400 करोड़ के एयूएम के निर्माण की योजनाएं बनाई हैं।

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