मिल्कीपुर में भोले के भक्त मंदिरों में जल चढ़ा और माथा टेक कर ले रहे आशीर्वाद

मिल्कीपुर में भोले के भक्त मंदिरों में जल चढ़ा और माथा टेक कर ले रहे आशीर्वाद

मिल्कीपुर में भोले के भक्त मंदिरों में जल चढ़ा और माथा टेक कर ले रहे आशीर्वाद 

स्वतंत्र प्रभात 

मिल्कीपुर।

 

अयोध्या जिले के मिल्कीपुर तहसील व सुल्तानपुर बल्दीराय तहसील के मध्य में स्थित बाबा मलेश्वरनाथ के दर्शन के लिए सुबह से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग गईं हैं। महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं मे काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।  इसके अलावा क्षेत्र के अन्य हिस्सों से भी महाशिवरात्रि के मौके पर अलग अलग मंदिरों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है।मान्यता है कि पूर्व में हुई खुदाई के बाद भी स्थित ज्योतिर्लिंग की ताह नहीं मिल सकी है। यह ज्योतिर्लिंग खुद प्रकट हुआ था। कालांतर में इस मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1940 में कराया गया था।

जीर्णोद्धारकर्ता श्रीपाल गोकुला रियासत से संबंध रखते थे। लोगों का कहना है कि यहां स्थित सगरा (तालाब) में स्नान करने से चर्मरोग स्वत: खत्म हो जाते हैं। यह स्थान मधुवन के नाम से भी जाना जाता था। यहां मंदिर में चतुर्भुज की मूर्ति है। हनुमान जी व देवी काली की भव्य मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा गणेश, नंदी, ब्रह्मा, राम-सीता, माता गौरी विराजमान है।यहां पर दो प्राचीन कुएं भी स्थापित हैं।

निकट ही मंदिर के महंथों और पुजारियों रामपाल दास, जगवंतदास, मनोहरदास, रामदास की समाधि बनी है। यहां पर स्थित सगरा में सभी तीर्थों का जल निहित है। मंदिर में स्थित ज्योर्तिलिंग ‘108’ ज्योर्तिलिंगों में एक मानी जाती है। बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि जीर्णोद्धार के समय करीब 30 फीट की खुदाई के बाद भी मंदिर में स्थित ज्योर्तिलिंग का दूसरा सिरा नहीं खोजा जा सका था। जो भक्त यहां सच्चे मन से दर्शन व परिक्रमा करता है व जल चढ़ाता है, भगवान शिव उसकी मुरादें जरूर पूरी करते हैं।

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