
आदिशक्ति की प्रतीक हैं बेटियां-उदयराज मिश्र
स्वतंत्र प्रभात
टांडा
अम्बेडकरनगर।बेटियां सृष्टि की पालनहार और आदिशक्ति व मानवों के अस्तित्व की प्रतीक हैं।जिनके बिना पुरुषों का अस्तित्व सम्भव ही नहीं है।ये उद्गार राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,उत्तर प्रदेश के अयोध्यामण्डल अध्यक्ष उदयराज मिश्र ने व्यक्त किये।श्री मिश्र स्थानीय गांधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुल्तानपुर में आयोजित रासेयो विशेष शिविर के बौद्धिकी कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
ज्ञातव्य है कि सात दिनों तक चलने वाले विशेष शिविर के चतुर्थ दिवस आज 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' शीर्षक पर व्याख्यानमाला का आयोजन शिविरार्थियों ने किया था।जिसका संचालन कैप्टन मंजू सिंह तथा विशिष्ट अतिथि शिक्षिका नीतू सिंह रहीं।
इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पूजन माल्यापर्ण के साथ किया गया।समारोह को सम्बोधित करते हुए उक्त श्री मिश्र ने "गिव मी हंड्रेड गुड़ मदर्स,आई विल गिव यू अ गुड नेशन" जैसे महावाक्य को आधार मानकर रामचरितमानस में वर्णित नारी महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि बेटियां आदिशक्ति की प्रतीक हैं।बेटियां ही सीता,सावित्री,लक्ष्मीबाई,अनुसूया,दुर्गा और मातृशक्ति के रूप में सृष्टि का लालन,पालन व संरक्षण करती हैं।अतएव लिंग आधारित भेदभाव व पुत्रों को पुत्रियों की बनिस्पत तरजीह देना मानवीय अपराध है।श्रीमिश्र ने बेटियों को जीवनपर्यंत निःशुल्क शिक्षा व रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने की वकालत की।इस अवसर पर समारोह को प्रवक्ता सुभाष राम,जियालाल,प्रियंका चौरसिया,पंकज कुमार सहित आधा दर्जन विद्वानों व शिविरार्थियों ने भी सम्बोधित करते हुए बेटियों को बेटों की तरह समान शिक्षा और समान अवसर प्रदान किये जाने का पुरजोर समर्थन किया।समारोह के अंत में प्रधानाचार्य कप्तान सिंह व कार्यक्रमाधिकारी हरिप्रसाद यादव ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बेटियों के सतत उत्थान के संकल्प लिया।
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