निराशा : आम बजट में छितौनी-तमकुही रेल परियोजना की झोली खाली

हांसिए पर 269.78 करोड़ की 62.5 किमी. लंबी रेल परियोजना 

निराशा : आम बजट में छितौनी-तमकुही रेल परियोजना की झोली खाली

वर्ष 2007 की परियोजना में खर्च 103 करोड़ रूपये हो रहे बर्बाद

ऑनलाइन न्यूज चैनल स्वतंत्र प्रभात

प्रमोद रौनियार।

कुशीनगर। यूपी व बिहार को जोड़ने वाली बहु प्रतीक्षित छितौनी - तमकुही रेल परियोजना सिसक रही है। 20 फरवरी 2007 की परियोजना में प्रस्तावित 269.78 करोड़ में से आंशिक धन अवमुक्त होने पर 62.5 किमी. लंबी रेल लाइन का कार्य शुरू हुआ, लेकिन धन के अभाव में एक दशक पूर्व कार्य रूक गया। निर्माण कार्य पर अब तक 103.31 करोड़ रूपये खर्च भी हो चुके हैं। दो राज्यों के लाखों लोगों को इस आम बजट से काफी उम्मीद थी, लेकिन परियोजना के लिए कोई धन आवंटित न होने से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। 

एक दशक से रूकी रेल परियोजना के लिए आम बजट में धनराशि का प्रावधान नहीं होने से महत्वाकांक्षी परियोजना पर ग्रहण लग गया है। छाये संकट के बादल नहीं छटने से परियोजना के निर्माण कार्य पर अब तक खर्च हो चुके 103.31 करोड़ रूपये बेमतलब साबित हो रहे है। लगे यंत्रों, सामानों, संसाधनों में जंग लगने से यह सभी खराब हो रहे हैं। 

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रेल मंत्री से मिलकर करेंगे बात - सतीश

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बिहार राज्य सभा सांसद सतीश चन्द्र दुबे ने कहा छितौनी-तमकुही रेल परियोजना के लिए मेरे अथक प्रयास से पूर्व में राशि आवंटित की गई थी। धन आवंटित हुआ होता तो इस खंड का निर्माण कार्य पूरा हो गया होता। सांसद ने कहा परियोजना को पूर्ण कराने व धन आवंटन के लिए रेल मंत्री से मिल कर बात करेंगे।

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20 फरवरी 2007 को हुआ था शिलान्यास 

 20 फरवरी 2007 को परियोजना का शिलान्यास किया गया था, लेकिन 16 वर्षों बाद भी रेल संचलन शुरू नहीं हो सका। इंतजार में लाखों लोगों के सपने टूट रहे है। ऐसा नहीं है परियोजना में धरातल पर काम नहीं हुआ है। 9.5 किमी तक इसमें निर्माण कार्य हुआ है। छितौनी रेल लाइन का कार्य पूर्ण हो चुका है। एक दशक पूर्व कुछ कार्य हो चुके हैं। यहां ट्रेन का ट्रायल भी हुआ था। छितौनी से पिपरासी प्रखंड के नैनहा तक मिट्टी भराई पूरा हो गया है, लेकिन अब मिट्टी कटने लगे हैं। छितौनी-तमकुही रेल परियोजना में छह रेलवे स्टेशन बनने थे। इसमें छितौनी, जटहा, मधुबनी, धनहा, खैरा टोला, पिपराही के बाद इसे तमकुही में जोड़ना था। परियोजना के पूर्ण होने से आवागमन में लाखों लोगों का विकास व जीवन में सुधार ठप है।

यूपी में छः गांवो के अधिग्रहित जमीन का अब तक नही मिला किसानों को मुआवजा 

उल्लेखनीय है कि यूपी के छितौनी से बिहार होकर तमकुही रोड पहुंचने वाली नई रेल लाइन में अधिग्रहित बिहार के जमीनों का भुगतान किसानों को मिल गया हैं परंतु यूपी के कटाई भरपुरवा जटहां बाजार जरार माघी कोठिलवा अरनहवा चिरैहवा इन गांवो की अधिग्रहित जमीनों का भुगतान नहीं मिला हैं। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई हैं।

 

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