
राइस मिल की चिमनी से निकल रहा जहरीला धुआं
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स्वतंत्र प्रभात
उन्नाव- विज्ञान ने जहां लोगों को कई वरदान दिए हैं तो वहीं इसके कुछ अभिशाप भी सामने आए हैं प्रदूषण एक ऐसा ही एक अभिशाप है जो विज्ञान की कोख से जन्मा है और जिसे सहने के लिए लोग मजबूर है राइस मिल भी विज्ञान के उन अविष्कारों में से एक है जिसने सहूलियत देने के साथ-साथ लोगों दिक्कत भी बढ़ाई है. जिले में राइस मिलों ने उद्योग, रोजगार और व्यापार के अवसर जरूर बढ़ाए हैं लेकिन इसकी कीमत यहां के लोग अपनी और अपने परिवार की सेहत को नुकसान पहुंचाकर चुका रहे हैं!
राइस मिल से निकला प्रदूषण यहां की हवा में जहर घोल रहा है और राइस मिलों का गंदा पानी फाइलेरिया जैसे गंभीर रोगों का कारण बन रहा है. वहीं राइस मिल की चिमनी से निकला राखड़ वाला धुआं लोगों की आंख और फेफड़ों के लिए खतरा बन गया है!
गौरतलब हो कि शहर से सटे दही चौकी स्थित द्वारका राइस मिल की चिमनी से निकल रहा जहरीला धुआं आसपास के गांव को प्रदुषित कर रहा है. राइस मील से निकल रहा धुआ चारों तरफ फैलकर दही चौकी से मिले चांदपुर गजौली रायपुर झंझरी राजेपुर गांव के लोगों को बीमारियाँ बांट रहा है. ग्रामीणों को फाइलेरिया खुजली और त्वचा रोग की शिकायत भी हो रही है.
ग्रामीणों का आरोप है कि 20 से 25 सालों से राइस मिल संचालित किया जा रहा है! राइस मिल संचालकों द्वारा प्रदूषण फैलाए जाने की शिकायत कई बार जिला प्रशासन से की गई. बावजूद इसके प्रशासन की ओर से प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई है. राइस मिल के प्रदूषण से लोग हलाकान हैं और अब द्वारका राइस मील के आसपास के गांव के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है!
वहीं राइस मिल द्वारा पर्यावरण को प्रदूषित किए जाने का मामला सामने आने के बाद जिम्मेदार अधिकारी और राइस मिल संचालक कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं!
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