ईंदारा बना कूड़ेदान ग्रामीणों में रोष
इस ईंदारे के जीर्णोद्धार व संरक्षण के लिए ग्रामवासी सुनील वाजपेयी शिवम् जोकि हंस सभा के अध्यक्ष , पत्रकार-कवि व सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं
त्रिवेदीगंज, बाराबंकी।
अरे यहाँ तो ईंदारा को डस्टबिन बना रखा है।जी हाँ हम बात कर रहे हैं विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत गौरवाउसमानपुर के मजरे तिलोकपुर की।
यहाँ गाँव के मध्य कन्या पाठशाला है वहीं सार्वजनिक चौक है।इसी चौक प्रांगण में एक बड़ी कुआँ यानी कि ईंदारा कई सौ वर्षों से है। इसी ईंदारे को आज गाँव के कुछ कुत्सित मानसिकता वाले लोगों ने घरों के गंदे कचरे को डालनेवाला कूड़ेदान यानीकि डस्टबिन के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
यह तब है कि जब जल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार तालाब कुआँ नदी नालों के निर्माण व जीर्णोद्धार को तवज्जो दे रही है । प्रदेश सरकार की इस मंशा को परवान चढ़ाने वाले जिम्मेदार ही ठेंगा भी दिखा रहे हैं। पंचायत के वर्तमान प्रधान व दो पूर्व प्रधानों के दरवाजे स्थित तिलोकपुर में यह ईंदारा गाँव के ग्रामीणों के लिए शादी आदि समय होने वाले संस्कारों के तौरपर पूजनीय भी है।
इस ईंदारे के जीर्णोद्धार व संरक्षण के लिए ग्रामवासी सुनील वाजपेयी शिवम् जोकि हंस सभा के अध्यक्ष , पत्रकार-कवि व सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं ने बीते छह सात सालों से गाँव से लेकर शासन प्रशासन तक विभिन्न माध्यमों से गुहार लगाई है। अभी तीन महिने पहले इस ईंदारे को पूरी तरह पाटने के लिए पक्की बनी जगत(घेरा) की खोदाई कर दी गयी।इस कृत्य का विरोध सुनील वाजपेयी सहित ग्रामीणों ने वृहद रूप में किया तो प्रधान ने पुनः चार इंच की पक्की दो फुट ऊँची चारदीवारी तो बना दी परन्तु अपने घर व मुहल्ले वालों को इस ईंदारे में गंदा कचरा डालने की खुली छूट दे दी ताकि ईंदारा पाटकर स्थान का उपयोग निजीतौर पर किया जा सके।
ग्रामीणों में ईंदारे की कुदशा को लेकर रोष बढ़ रहा है जो कभी भी बड़ा रूप ग्रहण कर सकता है।
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