सैनिकों के कैंटीन के लिये उपलब्ध करायी जायेगी भूमि: डीएम
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सैनिकों को निःशुल्क मुहैया करायी जायेगी विधिक सहायता
राघवेंद्र मल्ल
पडरौना, कुशीनगर। जिलाधिकारी ने जनपद के विभिन्न हिस्सों से आए भूतपूर्व सैनिकों की समस्याएं सुनी। उनके भूमि संबंधी समस्याओं के निस्तारण के लिये संबंधित लेखपाल को निर्देशित किया। भूतपूर्व सैनिकों व आश्रितों को भू-विवाद से संबंधित तकनीकी एवं विधिक पहलुओं के बारे में विस्तार से समझाया। प्रशासनिक व न्यायिक कार्यों के बारे में भूतपूर्व सैनिकों को जानकारी दी। जिले में सैनिक आश्रितों के लिये कैंटीन खोलने के लिये भूमि मुहैया कराये जाने का आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी शुक्रवार को जिला सैनिक व पुनर्वास कार्यालय सभागार में सैनिक बंधु की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। भूतपूर्व सैनिक, आश्रित, तथा शहीदों की विधवा आश्रितों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि देश में सैनिकों का सम्मान हमेशा से होता आया है। सैनिकों द्वारा नागरिकों की सुरक्षा मुश्किल परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं पर कार्य करते हुए की जाती है। अतः यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि भूतपूर्व सैनिकों, आश्रितों, विधवा की जहां तक हो सके मदद करें।
डीएम ने बताया कि कई बार विधिक विवादों के बारे में जब लोगों को जानकारी नहीं होती है तो वे फंस जाते हैं। उन्होनें कहा कि सैनिकों की जो भी समस्याएं उनके संज्ञान में आएंगी उन समस्याओं के समाधान के लिये हर संभव प्रयास किये जायेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि सेना में काम करने वाले जवानों व अधिकारीगण के प्रति सम्मान हमेशा से रहा है। उन्होंने अपने प्रशिक्षण अवधि की बात करते हुए बताया कि जब आईएएस, आईपीएस की ट्रेनिंग होती है तो सेना के साथ जुड़ाव होता है। ट्रेनिग के दौरान यह सिखाया जाता है कि किस परिस्थिति में सैनिक काम करते हैं। सैनिकों के रूटीन कार्यों से एक्सपोजर दिया जाता है। जिससे देश के नागरिक सुकून से रह सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आपकी जो भी मांग व समस्या हो उसका किसी प्रकार समाधान निकाला जाए। जिलाधिकारी ने भूतपूर्व सैनिकों व आश्रितों को बैठक के लिये समय निकालने के लिए तथा देश सेवा के लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी कार्यालय आकर भी रख सकते हैं। इस अवसर पर सैनिकों के कैंटीन के लिये जमीन की मांग को भी संज्ञान में लिया तथा संबंधित लेखपाल को जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया।
जिला सैनिक कल्याण व पुनर्वास अधिकारी विंग कमांडर आलोक सक्सेना ने कहा कि सैनिक बंधु अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिये मासिक बैठक का इंतजार ना करें, बल्कि वे कभी भी किसी भी कार्य दिवस में आकर अपनी समस्याओं को रख सकते हैं। उनकी समस्याओं का निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा। सैनिक कल्याण व पुनर्वास कार्यालय हेतु जिलाधिकारी के योगदान की प्रशंसा की। इसी क्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश श्रीवास्तव का भी आभार प्रकट करते हुए सैनिक पुनर्वास कल्याण अधिकारी ने उनके भूतपूर्व सैनिकों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहने व योगदान हेतु धन्यवाद दिया। जगदीश श्रीवास्तव ने कहा कि सैनिक बंधुओं को सही सलाह की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि बीट के सिपाही व लेखपाल यह समझे कि ये सैनिक देश के लिए लड़े हैं और इन्हें सही सलाह तथा मदद उपलब्ध कराएं तो इनकी समस्या हल हो जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने सभी सैनिकों को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की विधिक समस्या यदि हो तो उन्हें हर शनिवार को 04 घंटे उनकी तरफ से निरूशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाएगी। इससे पहले जिलाधिकारी द्वारा शहीद स्मारक पर माल्यार्पण तथा पुष्प अर्पित किए गए व सैनिक बंधुओं के बैठक उपरांत शहीद सैनिकों की विधवाओं को कंबल भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा सैनिक कल्याण व पुनर्वास कार्यालय के कनिष्ठ सहायक प्रभाकर नाथ तिवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह, अग्रणी बैंक प्रबंधक आर एस त्यागी, सीओ सदर, कैप्टन एल0 बी0 त्रिपाठी, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की आश्रिता आदि मौजूद थे।
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