वर्षा से बाधित रितु रंग रामलीला समिति के मंचन का पुनः तीसरे दिन हुआ शुभारंभ

वर्षा से बाधित रितु रंग रामलीला समिति के मंचन का पुनः तीसरे दिन हुआ शुभारंभ

राम, लक्ष्मण, सीता को वनवास भरत को मिली राजगद्दी




स्वतंत्र प्रभात

भीटी अंबेडकर नगर।महरुआ थाना क्षेत्र के सिलावट गांव में रितु रंग रामलीला का तीसरे दिन कलाकारों के द्वारा मंचन किया गया। वर्षा से बाधित रितु रंग रामलीला समिति के मंचन का पुनः तीसरे दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मराज निषाद व जीत राम निषाद बैंक ऑफ बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के द्वारा फीता काटकर शुभारंभ किया। 


प्रथम दृष्टि में महाराजा दशरथ अपनी प्रजा व सचिवों से अपने को वृद्धा अवस्था प्राप्ति के बाद राम को राजा बनाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर पूरी प्रजा और राज दरबार में सहमति प्रदान की तथा नगर में जयकारे लगने लगे इससे दुखी होकर के देवाधिदेव इंद्रदेव ने सरस्वती को मंथरा की जिह्वा पर आसीन होने के लिए कहा मंथरा कैकेई को बहुत बात समझाती है कि तुम्हारा पुत्र भरत राजा हो और देवासुर संग्राम में दशरथ द्वारा दिया गया वरदानों की याद दिलाती है।


संध्या के समय महाराज दशरथ महाल लौटते हैं और जब सुनते हैं कैकई कोप भवन में है ऐसा सुनकर चिंतित हो उठते हैं और अंत में कैकेई राम को बनवास तथा भरत को राजगद्दी मांग लेती है।


प्रभु राम लक्ष्मण और सीता के साथ वन जाते हैं वहां गंगा पार करते हैं फिर सुमंत को वापस अयोध्या भेजकर स्वयं तीर्थराज प्रयाग में भरद्वाज आश्रम चले जाते हैं। इधर जब वापस सुमंत अयोध्या लौटते हैं महाराज दशरथ के पूछने पर बताते हैं हां वास्तव में राम, लक्ष्मण, सीता वन चले गए हैं।

ऐसा सुनकर महाराज मूर्छित होते हैं तथा उनकी मृत होती है।इस मौके पर हंसराज सिंह,राम अवतार विश्वकर्मा, पारसनाथ सिंह, नरेंद्र त्रिपाठी,जगदीश प्रसाद अन्य लोग उपस्थित थे।

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