गरीब मरीजों की बदकिस्मती यहा नहर में फेंक दी जाती है दवाएं
अस्पतालों को उपलब्ध करायीं गई दवाओं को फेंके जाने के मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
स्वतंत्र प्रभात
नेबुआ नौरंगिया,कुशीनगर-
विकास खंड नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के एक नहर में सरकार के तरफ से मरीजों को नि: शुल्क वितरण करने के लिए अस्पतालों को उपलब्ध करायीं गई दवाओं को फेंके जाने के मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कोटवा से रामपुर जाने वाले मार्ग पर पड़ने वाले चितहा माइनर में सरकारी दवाये फेकी गई है। जिसमें रूई, कैल्शियम और विटामिन डी,आयरन और फोलिक एसिड, पैरासिटामोल सहीत अन्य दवाएं नहर में फेंकी गई है।
ज्ञात हो कि यह सभी वह दवा है जो सरकारी अस्पतालों को वहां पर आने वाले मरीजों को निःशुल्क वितरण करने के लिए मिलीं थीं। सभी दवाएं एक्सपायर है।
अब सवाल यह है की जब अस्पताल में लोग इलाज के लिए जाते हैं तो यही लोग कुछ दवा अन्दर से देकर बाहर से दवा लेने की पर्ची पकड़ा देते हैं। सरकार अस्पतालों पर आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, मजदूर मजबूरी में या तो बाहर से महंगी दवा खरीदते हैं नहीं तो भाग्य को कोस घर लौट जाते हैं।
यदि सत प्रतिशत दवा जरूरतमंदों में वितरित कर दी जाती तो नहरों में फेंकने की नौबत नहीं आती।
इस सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ संतोष गुप्ता का कहना हैं की वह दवाएं हमारे यहां की नहीं है। हमारे पास जो दवा आयी थी उसे हमने सभी एएनएम और आशाओ को वितरण कर दिया।
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