ओसीएफ श्रीरामलीला मंचन के दौरान अयोध्या में दशरथ के घर जन्मे राम,लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न
ओसीएफ श्रीरामलीला मंचन के दौरान अयोध्या में दशरथ के घर जन्मे राम,लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न
शाहजहांपुर की प्रसिद्ध ओसीएफ श्री रामलीला में आज दिन मंगलवार के मंचन में दर्शाया गया।श्री नारद जी को मोह हो जाता है वे सीता जी से विवाह करना चाहते हैं भगवान विष्णु अपनी लीलाओं से नारद जी का मोह भंग करते हैं जिस पर नारद जी उनको श्राप देते हैं कि जिस वानर रूप में मेरा उपहास उड़ाया जा रहा है वही वानर रूप 1 दिन आपकी सहायता करेगा इधर दूसरी ओर मनु और शतरूपा घोर तप करते हैं
जिस पर भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और उनसे मन वांछित वर मांगने को कहते हैं जिस पर मनु और सतरूपा भगवान से उनके जैसा पुत्र मांगते हैं भगवान विष्णु उनको आशीर्वाद देते हैं की त्रेता के तीसरे चरण में तुम दोनों दशरथ और कौशल्या बनोगे और मैं तुम्हारे घर जन्म लूंगा इधर लंका में रावण- कुंभकर्ण- विभीषण तप करते हैं और अपने लिए वरदान मांगते हैं महादेव इनकी पूजा से प्रसन्न होकर इनको मन वांछित वर देते हैं ।
लंका में रावण के पापों का हाहाकार मच जाता है और रावण कुबेर से सोने की लंका छीन लेता है इधर अयोध्या में दशरथ कौशल्या पुत्र की लालसा में व्याकुल होते हैं जिस पर गुरु वशिष्ठ इनको पुत्र की प्राप्ति के लिए यज्ञ करने को कहते हैं फिर वह दिन भी आता है जब अयोध्या में श्रीराम ,भरत, लक्ष्मण,शत्रुघ्न का जन्म होता है अयोध्या में खुशियां आ जाती हैं इसके बाद चारों भाई शिक्षा ग्रहण करते हैं इधर दूसरी ओर असुरों का पाप इतना बढ़ जाता है की वह ऋषि-मुनियों को भी नहीं छोड़ते ।
गुरु विश्वामित्र आयोध्या आकर महाराज दशरथ से राम लक्ष्मण को मांगते हैं जिस पर महाराज दशरथ मना करते हैं जिस पर विश्वामित्र नाराज होकर वापस जाते हैं पर गुरु वशिष्ठ उनसे क्षमा मांगते हैं वह दशरथ जी से राम लक्ष्मण को विश्वामित्र को सौंपने का आदेश देते हैं राम लक्ष्मण उनके साथ जाते हैं और वहां जाकर असुरों का संहार करते हैं ताड़का का वध करते हैं ! आज की लीला में नारद अरुण डी आर,इंद्र अरविंद,रंभा चांदनी,बसंत नागेश,
मेनका प्रियांशी,शिव अंकित,विष्णु देवेंद्र ,विश्व मोहिनी रजनी,मनु भानु प्रताप सिंह,शतरूपा लक्ष्मी देवी,रावण अंकित, कुंभकरण लक्ष्मण, विभीषण अरशद,कुबेर अनुराग दुबे,दशरथ पैट्रिक,वशिष्ठ संदीप,सुमंत कौशलेंद्र,मन्थरा विनय,बाल राम यश,बाल लक्ष्मण सूर्यांश,बाल भरत अनर्भ,बाल शत्रुघ्न सूर्यांश,मारीच सुभाष,विश्वामित्र सुहेल मोहम्मद,श्रीराम रोहित सक्सेना,लक्ष्मण देवेंद्र पाल,सुबाहु आशीष,आदि ने किरदार निभाकर जीवंत कर दिया।आज के मंचन में सत्यनारायण जुगनू,पैट्रिक दास,देवेश दिक्षित,अरुण डी.आर,महेंद्र दीक्षित,संगीता गुप्ता,रोहित सक्सेना आदि का विशेष सहयोग रहा ।

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