मकर संक्रांति के त्यौहार पर ऐसे करिये तैयारी…
स्वतंत्र प्रभात – बुधवार यानि 15 जनवरी को भारत में मकर संक्रांति का उत्सव मनाया जाने वाला है। इस साल नए साल की शुरुआत भी बुधवार से हुयी थी और मकर संक्रांति भी बुधवार को ही है। बुधवार के अधिपति देव बुध हैं। बुध के आधिपत्य में आने वाले शिक्षा, सेना, श्रम, कला, शिल्प, साहित्य
स्वतंत्र प्रभात –
बुधवार यानि 15 जनवरी को भारत में मकर संक्रांति का उत्सव मनाया जाने वाला है। इस साल नए साल की शुरुआत भी बुधवार से हुयी थी और मकर संक्रांति भी बुधवार को ही है। बुधवार के अधिपति देव बुध हैं। बुध के आधिपत्य में आने वाले शिक्षा, सेना, श्रम, कला, शिल्प, साहित्य और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को सफलता मिलेगी और उन्नति होगी।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा, नदियों में पवित्र स्नान, देव दर्शन व दान-पुण्य करने वालों को विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है। इस अवधि में स्नान-दान और दही-चूड़ा के साथ तिलकुट खाने का फल अत्यंत शुभकारी होता है। दही-चूड़ा के लिए दही जमाना ज़रूरी है, लेकिन गर्मी के मौसम के मुकाबले सर्दियों में दही जमाना मुश्किल होता है।
गर्मियों में आप घर या किचन के किसी भी कोने में दूध में दही डालकर रख दें वो दो से तीन घंटों में आसानी से जम जाता है, लेकिन इससे उलट सर्दियों में दही को जमाना आसान नहीं है। आप कितनी भी मेहनत क्यों ना कर लें, सर्दियों में दही नहीं जमता। अगर आपको भी दही-चूड़ा के लिए दही चाहिए को ऐसे जमा सकते हैं।
सबसे पहले आप फुल क्रीम दूध फिर शुद्ध भैंस का दूध लें। इससे दही गाढ़ा जमेगा।
जब तक ये दूध तीन से चार बार खौल न जाएं तब तक गर्म करें।
उसके बाद गर्म दूध को ठंडा होने के लिए रख दें।
जब दूध ठंडा हो जाए तो इसमें दो चम्मच दही डाल लें। जैसे अगर आपने आधा लीटर दूध लिया है तो उसमें दो चम्मच दही डाल लें।
दूध में दही डालने के बाद उसे अच्छे से दो मिनट तक चलाएं। आप चाहे तो उसे अच्छे से फेंट भी सकते हैं। दूध को जितना फेंटेंगे वो उतना अच्छा जमेगा।
फेंटने के बाद इसे ढककर ऐसी जगह रखें, जहां का तापमान बाकी जगहों से गर्म हो। जैसे रोटी रखने वाला हॉटकेस, आटे का डब्बा या फिर कुकर के अंदर बंद करके रखें।
चार से सात घंटों में आपका बढ़िया क्वालिटी का गाढ़ा दही जमकर तैयार हो जाएगा।
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