मौरंग खदान भेड़ी खंड तीन पर पंद्रह लाख का जुर्माना

मौरंग खदान भेड़ी खंड तीन पर पंद्रह लाख का जुर्माना

जालौन प्रशासन द्वारा मौरंग खनन के लिए कालपी तहसील क्षेत्र के भेड़ी संख्या तीन पर बालू उठाने का टेंडर दिया गया था। जिसमें शासन के नियमानुसार बालू खनन करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए थे। लेकिन खदान संचालन का ठेका मिलते ही खदान मालिक ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी।


उरई (जालौन)।  जालौन प्रशासन द्वारा मौरंग खनन के लिए कालपी तहसील क्षेत्र के भेड़ी संख्या तीन पर बालू उठाने का टेंडर दिया गया था। जिसमें शासन के नियमानुसार बालू खनन करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए थे। लेकिन खदान संचालन का ठेका मिलते ही खदान मालिक ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी। इतना ही नहीं खदान संचालको ने जलीय जीवों की परवाह किए बगैर नदी की जलधारा से भारी भरकम मशीनों द्वारा मौरंग उठाना शुरू कर दिया। जब अवैध खनन की शिकायतें प्रशासन तक पहुंची तो बगैर देर किए खनन विभाग ने मौके पर पहुंच खदान की जांच की। जिस पर नियमों के विरुद्ध भारी अनियमितता मिलने पर 15 लाख का जुर्माना विभाग द्वारा लगाया गया है।

दरअशल जालौन हमेशा से ही अवैध खनन के लिए चर्चा का विषय रहा है। 2017 के विधान सभा चुनाव की एक चुनावी रैली में देश के प्रधानमंत्री ने भी उरई में इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था और अवैध खनन पर रोक लगाए जाने की बात कही थी। चुनाव हो जाने के बाद भाजपा ने बुदेलखंड की 19 की 19 सीटो पर जीत दर्ज की। और मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्य नाथ ने शपथ ली। जालौन के लोगो को लगा कि अब अवैध खनन पर लगाम जरूर लग जायेगी। कुछ दिन अवैध खनन हुआ भी नही। लेकिन सत्ता को 3 साल ही गुजरे थे कि मौरंग खदानों पर अचानक से ही अवैध खनन शुरू हो गया। और जब शुरू हुआ तो 2022 तक के विधानसभा चुनाव तक इस कदर अवैध खनन हुआ कि जनपद जालौन फिर से सुर्खियों में आ गया। आलम यह है कि खनन माफिया मौरंग इस कदर उठा रहे है कि न तो उन्हें सुप्रीमकोर्ट के नियमो की परवाह है और न ही एन जी टी नियमो की। आरोप है कि खादान संचालक अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन करने में जुटे है। जब यह बात जनपद में चर्चा का विषय बनी तो मीडिया ने इसे मुद्दा बनाया और कई अखबारों और चैनलों में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। 

वही इस खबर को दैनिक अयोध्या टाइम ने भी पिछले दिनों भेंडी खंड 2 और हिमनपुरा 3 पर हो रहे भीषण अवैध खनन की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसको जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया। सूत्रों की माने तो जिलाधिकारी जालौन ने जनपद में हो रहे अवैध खनन और अवैध परिवहन को रोकने के लिए कई टीमों का गठन किया था। जिन टीमों ने जनपद में संचालित खदानों की गुप्त रूप से जांच शुरू की। परिणामस्वरूप भेंडी खंड 3 पर भारी अन्यमित्ताए पाई गई। जिस पर विभाग ने 15 लाख जुर्माने की कार्यवाही की है।

बता दें कि जिला खनन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनपद में करीब 15 मौरंग खदाने संचालित है, सूत्रों की अगर मानें तो इसमें से करीब 9 खदानों पर अवैध खनन हो रहा है। सबसे ज्यादा भीषण अवैध खनन के लिए हिमनपुरा खंड 3 चर्चा में है। वही पथरेहटा खंड 3 , सिकरीव्यास और खरका की खदानों पर भी अवैध खनन जमकर हो रहा है। सूत्रों की माने तो अधिकारियों की सांठगांठ के बगैर अवैध खनन असंभव है।

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वहीं शासन ने अवैध खनन रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ओवरलोडिंग रोकने के लिए धर्मकांटे लगवा रखे हैं लेकिन खनन संचालकों के हौसले इस कदर बुलंद है कि ये अलग से रास्ता बनाकर ओवरलोड ट्रैको की निकासी करा देते है। जिससे न सिर्फ अवैध खनन और अवैध परिवहन पर रोक लग पा रही है साथ ही सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना बड़े आराम से लगाया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि हिमनपुरा खंड 3 पर हो रहे अवैध खनन को जिला प्रशासन कब संज्ञान लेता है।

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