भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। शिलान्यास से लेकर लोकार्पण तक पहुंचने में पौने 6 वर्ष का समय लगा। 180 करोड की लागत से बना भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट। मार्ट का क्षेत्रफल 11बिघा 15 विस्वा और 16 धुर में है। मार्ट का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 15

भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

शिलान्यास से लेकर लोकार्पण तक पहुंचने में पौने 6 वर्ष का समय लगा।

180 करोड की लागत से बना भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट।

मार्ट का क्षेत्रफल 11बिघा 15 विस्वा और 16 धुर में है।

मार्ट का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 15 मार्च 2015 को लखनऊ से किया था।

बीते 3 फरवरी 2020 को एमएसएमई ने मार्ट को सीईपीसी को सौपा।

भदोही की स्थापना 65वें जिले के रूप में 30 जून 1994 को वाराणसी से अलग होकर की गई थी।

कालीन के लिए विश्व में प्रसिद्ध भदोही को स्थापना के 26 वर्ष बाद मिली नई पहचान।

एक जिला एक उत्पाद भदोही के लिए साबित हुआ वरदान।

संतोष तिवारी (रिपोर्टर )

भदोही।

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत कालीन नगरी भदोही को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 31 दिसम्बर 2020 को कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण करेंगे।

जो सच में भदोही के कालीन उद्योग के लिए मील का पत्थर है। भदोही जिले का कालीन तो सदियों से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। लेकिन भदोही आज से 26 वर्ष पहले वाराणसी जिले का अंग था लेकिन 30 जून 1994 को भदोही भी एक अलग जिले के रूप में बना।

और तब से भदोही की पहचान कालीन को और भी मजबूती देने के लिए लोग प्रयासरत रहे। और भदोही की खास पहचान कालीन को 2020 में एक नई सौगात मिल गई। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के तहत जिलों के खास उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक जिला एक उत्पाद पर काफी सक्रिय है।

और सरकार का यह कदम अब भदोही के कालीन निर्यातक और कारोबारियों के लिए काफी सहायक होगा। भदोही का कालीन पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और कालीन मेला अभी तक वाराणसी में लगता था जहां पर भदोही के निर्यातक अपने उत्पाद को वहां ले जाते थे और मेले में आये लोग कालीन का अवलोकन करते और खरीदते थे।

लेकिन अब वाराणसी  की जगह भदोही में ही कालीन मेला आयोजित होगा। जहां देश-विदेश के लोग आकर भदोही के कालीन को देखेंगे और खरीददारी भी करेंगे।
मालूम हो कि भदोही में बना कार्पेट एक्सपो मार्ट लगभग 12 बीघे के क्षेत्रफल में है।

और इसका शिलान्यास बीते 15 मार्च 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। और यह कार्पेट एक्सपो मार्ट 2019 में बनकर तैयार हो गया। और 2020 में उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मार्ट का लोकार्पण भी करके भदोही के लोगों को सौप देंगे।

करीब 180 करोड की लागत से बने इस मार्ट को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने 3 फरवरी 2020 को कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) को सौप दिया। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वृहस्पतिवार को कालीन नगरी भदोही में आगमन हो रहा है।

और इस आगमन में मुख्यमंत्री कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण करेंगे। इसके पहले भी अपने मुख्यमंत्री काल में दो बार भदोही और आ चुके है योगी आदित्यनाथ। पहली बार तीन जून 2018 को मुख्यमंत्री बनने के बाद आये थे और उस बार कालीन नगरी को 86 करोड से अधिक की 106 परियोजनाओं की सौगात दी थी।

और साथ में भदोही में बायो फ्यूल संयंत्र बनाने की भी बात कही थी। योगी आदित्यनाथ का भदोही में दूसरा दौरा 4 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के समय हुआ था। और उस समय योगी केवल भाजपा के पक्ष में मतदान करने की बात कही थी

तथा केन्द्र सरकार के पिछले कार्यकाल की योजनाओं के बारे में लोगो को बताया था। अब तीसरी बार योगी आदित्यनाथ का दौरा कालीन नगरी में हो रहा है। जनपद वासियों खासकर कालीन से जुडे लोगो को खासी अपेक्षा है कि इस दौरे में भदोही को खास सौगात मिलेगी।

30 जून 1994 में वाराणसी से अलग हुआ और 65वे जिले के रूप में अस्तित्व में आया। वैसे भदोही आज भी कई समस्या जैसे गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवा, तकनीकी शिक्षा, गंगा नदी पर पुल, औराई चीनी मिल, और भदोही में ब्रिज समेत कई मामलों में परेशान है। 80 के दशक में भदोही में कालीन का बाजार चरम पर था

लेकिन इस समय कालीन उतना बेहतर लोगों के लिए सहायक साबित नही हो रहा है जैसे पहले होता था। आज केवल कालीन का कार्य पूंजीपति अधिक कर रहे है। क्योकि संसाधन को स्थापित करने में पूंजी की जरूरत पडती है जबकि सामान्य आदमी पूंजी न होने से कालीन का कार्य छोडकर किसी दूसरे पेशे में जुड जा रहा है।

जो कही न कही भदोही के कालीन पर परोक्ष रूप से धब्बा है। साथ ही इसके बावजूद भी कुछ न कुछ खामियां कालीन व्यवसायियों के लिए आज भी मुंह बायें खडी है। जिसमें सड़क और बिजली प्रमुख है। हालांकि पहले से इन सभी में काफी बदलाव हुआ है लेकिन कालीन व्यवसायियों के लिए अभी भी कुछ चुनौतिया है।

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