स्थानीय एसएसबी के तैनाती से तस्करी के कार्यों में आई तेजी

महराजगंज। आए दिन सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर तस्करी के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें मादक पदार्थ, वेशकीमती लकड़ी जैसे तमाम प्रतिबंधित सामानों को भारत नेपाल आयात निर्यात किया जा रहा है वहीं एसएसबी में स्थानीय लोगों की तैनाती ही तस्करी के कार्य की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। बताया

महराजगंज। आए दिन सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर तस्करी के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें मादक पदार्थ, वेशकीमती लकड़ी जैसे तमाम प्रतिबंधित सामानों को भारत नेपाल आयात निर्यात किया जा रहा है वहीं एसएसबी में स्थानीय लोगों की तैनाती ही तस्करी के कार्य की मुख्य भूमिका बताई जा रही है।

बताया जाता है कि दशक पूर्व एसएसबी कैंपों में स्थानीय लोगों की तैनाती ना करके बल्कि अन्य प्रांत के लोगों को सीमावर्ती कैंपों में तैनात किया गया था जिससे मिलाप ना होने से तस्करी बिल्कुल ना के बराबर था लेकिन जब से स्थानीय लोगों को तैनात किया गया है तब से तस्करी की बाढ़ सी आ गई है।

सूत्रों का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित समस्त एसएसबी कैंप में स्थानीय लोगों को तैनात किया गया है यही कारण है कि स्थानीय लोग तस्करों के संपर्क में रहते हैं। बताया जाता है कि कुछ ऐसे तस्कर है जो कहीं एसएसबी के मित्र तो कहीं पड़ोसी व सगे संबंधी भाई पट्टीदार ऐसे लोग हैं जो स्थानीय नाकों से बेखौफ होकर तस्करी कर रहे हैं।

बताया यह भी जाता है कि स्थानीय एसएसबी हमेशा अपने उस सगे संबंधी मित्र व पड़ोसी तस्कर के संपर्क में रहते हैं तथा जब भी कैंप के साहब बाहर निकलते हैं तो वही स्थानीय एसएसबी उन तस्करों को फोन के माध्यम से तुरंत सूचित कर देता है जिससे सभी तस्कर एलर्ट हो जाते हैं और कुछ देर के लिए तस्करी के कार्य को रोक देते हैं और फिर जैसे ही साहब वापस कैंप पहुंचे तो कुछ स्थानीय ड्यूटी से गद्दारी करने वाले एसएसबी पुनः साहब को कैंप आने की सूचना दे देते हैं जिससे पुनः तस्करी जैसे नंगे नाच को बेखौफ शुरू कर दिया जाता है।

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यही कारण है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों की बाढ़ सी आ चुकी है जहां यह भी बताया जाता है कि सीमावर्ती गांव में करीब 60 प्रतिशत विद्यार्थी कॉपी और पेन के जगह अपने हाथों से मटर की बोरियां ढुलते नजर आते हैं। कुछ सीमावर्ती एसएसबी कैंप तो ऐसे भी हैं जो उसी थाना क्षेत्र के एसएसबी में तैनात लोग अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं तथा जब इच्छा किया कुछ देर के लिए घर गए और फिर घर से कैंप चले आए।

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ऐसे में स्थानीय होने के कारण क्षेत्र के जितने भी तस्कर हैं चाहे वह बड़े कार्यों में संलिप्त तस्कर हों या छोटे कार्यों में संलिप्त स्थानीय एसएसबी को हर किसी के विषय में जानकारी होती है तथा यह भी जानकारी होती है कि कब किस घड़ी क्या चीज इंडिया से नेपाल और नेपाल से इंडिया का आयात निर्यात होने वाला है लेकिन स्थानीय होने के कारण वह क्षेत्रीय एसएसबी ऐसे तस्करों को रोकने का हिमाकत भी नहीं करते और करेंगे भी क्यों अगर करते हैं तो रिश्ता खराब हो सकता है लेकिन वहीं अगर ड्यूटी से गद्दारी हो तो कोई बात नहीं लेकिन रिश्ता बरकरार होना चाहिए।

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ऐसा भी नहीं कि इस बात की जानकारी एसएसबी के उच्च अधिकारियों को नहीं है उच्च अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी स्थानीय लोगों के तैनाती पर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं। कुछ सूत्रों का तो यह भी कहना है कि कुछ स्थानीय तैनात एसएसबी ऐसे भी हैं जो अपने सामने से ही सगे संबंधी होने के कारण तस्करी के कार्यों को देख कर अपने मुंह फेर लेते हैं। जिससे स्थानीय तस्कर समझ जाता है कि शायद यह एसएसबी बगल के गांव का वही मित्र है जो बचपन में एक साथ पढ़ा था।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पुलिस में जिले के लोग अपने जिले में ड्यूटी नहीं कर सकते तो एसएसबी के विभाग में स्थानीय थाना क्षेत्र में स्थित एसएसबी कैंप पर वह स्थानीय एसएसबी की कैसे तैनाती की जा सकती है।

तस्करी के इस कार्य में स्थानीय पुलिस की भी मुख्य भूमिका

सूत्र यह भी बताते हैं कि तस्करी के इस कार्य में स्थानीय पुलिस भी मुख्य भूमिका निभाती नजर आती है जहां पुलिस के ही रहमों करम से विद्यार्थी अपने हाथों में कलम और पेन के जगह तस्करी के सामानों को ढोते हैं जहां स्थानीय पुलिस को हर गतिविधियों की जानकारी होती है लेकिन स्थानीय पुलिस भी उन विद्यार्थियों से चंद पैसे लेकर तस्करी करने का फुल आर्डर दे देती है।

जिससे तस्करी में लिप्त विद्यार्थी मामूली पैसे के लालच में भारत नेपाल मादक पदार्थ से लेकर हर वह प्रतिबंधित सामान इंडिया से नेपाल और नेपाल से इंडिया लाने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या उन पुलिसकर्मियों के लिए अगर अपने सगे बेटा हो तो क्या इसी प्रकार से चंद पैसे लेकर तस्करी के कार्यों की खुली छूट पुलिस दे देती, अगर नहीं तो पुलिस उन विद्यार्थियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है यह एक यक्ष प्रश्न है।

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