कृषि का निजीकरण देश के लिए घातक -डॉ नीलम मिश्रा ।
कृषि का निजीकरण देश के लिए घातक -डॉ नीलम मिश्रा । गौरव पुरी (रिपोर्टर ) ज्ञानपुर,गोपीगंज । कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष व प्रमुख समाजसेवी डॉ नीलम मिश्रा ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानून से किसानों का शोषण बढेगा,आने वाले समय मे अध्यादेशों के जरिये केंद सरकार किसानों को मिलने
कृषि का निजीकरण देश के लिए घातक -डॉ नीलम मिश्रा ।
गौरव पुरी (रिपोर्टर )
ज्ञानपुर,गोपीगंज ।
कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष व प्रमुख समाजसेवी डॉ नीलम मिश्रा ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानून से किसानों का शोषण बढेगा,आने वाले समय मे अध्यादेशों के जरिये केंद सरकार किसानों को मिलने वाले एम एस पी को खत्म करने जा रही है इस अध्यादेश से किसानों को नही बल्कि बड़ी कम्पनियों को फायदा होगा जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ेगा।
कृषि का निजीकरण होने से मूल्य निर्धारण बड़े व्यापारी करेंगे न कि किसान. इससे कालाबाजारी भी बढ़ेगी और खाद्यानों के दाम आसमान छुएंगे ,सबसे सस्ता मिलने वाला आलू आज महानगरों में सौ रुपये में बिक रहा है. भविष्य में आम लोगों आलू के छिलके को ही खा कर ही संतोष करना पड़ेगा ,गरीब और मजदूर का क्या हश्र होगा इसकी कल्पना ही पीड़ा दायक है.
छोटे किसान अपना उत्पाद औने पौने दाम में बेचने के लिए बाध्य होंगे. भारतीय कृषि को बड़े पैमाने पर सरकार का सहयोग मिलना चाहिए था जबकि इन अध्यादेशों द्वारा कृषि को निजी हाथों का गुलाम बनाया जा रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य तो निर्धारित होना ही चाहिये ताकि व्यापारी छोटे किसानों का शोषण न कर सके. यदि कृषि को बाजार व्यवस्था के अंतर्गत लाना ही है तो इन अध्यादेशों में कई सुधार की आवश्यकता है।
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