एडीओ पंचायत मुख्यालय से अटैच, प्रभारी एडीओ पंचायत चला रहे है ब्लाक

पैरवी और प्रभाव को लेकर चर्चा में है प्रभारी एडीओ पंचायत सेवरही ब्यूरो रिपोर्ट-प्रमोद रौनियार कुशीनगर जिले में शासनादेश को धता बताते हुए कन्टेंजेन्सी मद का पैसा सिंगल आपरेशन से व्यय करने को लेकर चर्चा में आये सहायक विकास अधिकारी पँचायत सेवरही का शासन से लेकर जिला मुख्यालय तक पैरवी और प्रभाव के चर्चे भी

पैरवी और प्रभाव को लेकर चर्चा में है प्रभारी एडीओ पंचायत सेवरही

ब्यूरो रिपोर्ट-प्रमोद रौनियार

कुशीनगर जिले में शासनादेश को धता बताते हुए कन्टेंजेन्सी मद का पैसा सिंगल आपरेशन से व्यय करने को लेकर चर्चा में आये सहायक विकास अधिकारी पँचायत सेवरही का शासन से लेकर जिला मुख्यालय तक पैरवी और प्रभाव के चर्चे भी अब खूब होने लगे है।

चर्चा का मुख्य कारण यह है कि जिला मुख्यालय पर चार चार रेग्युलर एडीओ पंचायत पड़े हुए है और तमाम अनियमितता और शिकायत के बाद भी वह साहब लोगो की कृपा से वह ग्रामपंचायत अधिकारी होने के बावजूद पूरे ठसक के साथ सेवरही में प्रभारी एडीओ पंचायत बने हुए है जो पूरी तरह से गैर वाजिब बताया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बीते 16 जुलाई के अंक में प्रभारी एडीओ पंचायत सेवरही लल्लन यादव के कारनामो को लेकर एक समाचार पत्र ने “एडीओ पंचायत ने उड़ाया शासनादेश का माखौल” नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था।

शासनादेश के विरुद्ध तानाशाही रवैया अख्तियार कर उक्त एडीओ पंचायत द्वारा कन्टेंजेन्सी मद का खाता सिंगल आपरेशन से संचालित किया जा रहा था जबकि नियम है कि वह खाता बीडीओ और एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होगा।

समाचार पत्र द्वारा मामला सार्वजनिक किए जाने के बाद भी उक्त एडीओ पंचायत पर कोई कार्रवाई नही हुआ और इस जनपद में ऐसा कुछ होगा भी नही क्योंकि यहाँ पर अंधेरगर्दी सर चढ़ कर बोल रही है। नही तो ऐसे ही मामले में इसी सूबे के अम्बेडकर नगर जनपद में आधा दर्जन से ऊपर एडीओ पंचायत लोगो पर सरकारी धन के गबन का मुकदमा दर्ज हो चुका है।

खबर प्रकाशित होंने के बाद एडीओ पंचायत सेवरही द्वारा आनन फानन में अब खाता में बीडीओ का नाम जोड़ने के लिए उनका हस्ताक्षर जोड़ने के लिए बैंक में भेजा गया है। नियम कानून को ताक पर रखकर काम करने वाले ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध किस विवशता के वजह से जिम्मेदार लोग इन पर कार्रवाई नही करते है। यह तो वही लोग जाने लेकिन वास्तविक रूप से यह अंधेरगर्दी की श्रेणी में आता है।

शासन ने बाकायदा गाइडलाइन बनाया है कि बीडीओ और एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से कन्टेंजेन्सी मद का पैसा कहा कहा खर्च किया जाना है। लेकिन सेवरही में एडीओ पंचायत ने नियमो को ताक पर रखकर अपने मनमर्जी से कन्टेंजेन्सी मद के पैसे से अपने एडीओ पंचायत कार्यालय का सुंदरीकरण कराया है। जो पूरी तरह से नियमो के विपरीत है।

लोगों का मानना है कि अगर सही ढंग से जांच पड़ताल हो जाय तो साहब का नपना भी तय है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि एडीओ पंचायत साहब पैरवी और प्रभाव के बलबूते ब्लाक परिसर में अंधेरगर्दी मचाते रहे और खण्ड विकास अधिकारी सिर्फ तमाशबीन बने रहे।

सवालों के घेरे में बीडीओ सेवरही भी है कि जब उन्हें पता था कि कन्टेंजेन्सी मद का खाता संयुक्त खाता से संचालित होता है। तो वह एडीओ पंचायत की मनमानी को चुपचाप देखते क्यो रहे चर्चा तो यह है कि सभी के आपसी सहमति से यह नियम विरुद्ध खेल होता रहा।

इस प्रकरण में जांच होगा भी या नही इसके बारे में कुछ कहा नही जा सकता लेकिन एडीओ पंचायत के प्रभाव के चर्चे अब सरेआम होने लगे है। क्योंकि जनपद मुख्यालय पर चार चार एडीओ पंचायत लोग खाली बैठे है और यह ग्रामपंचायत अधिकारी होकर प्रभारी एडीओ पंचायत बने बैठे है।

मार्च 2020 में प्रदेश में ग्रामपंचायत अधिकारियों के प्रमोशन लिस्ट में कुशीनगर से तीन ग्रामपंचायत अधिकारी रामाशीष गौतम,नन्दलाल सिंह, मजहरुल हक एडीओ पंचायत बने थे।

इन तीनो के अलावा देवरिया जनपद से दो अन्य रामचन्द्र प्रसाद और अनवारुल हक ने एडीओ पंचायत के पद पर ज्वाइन किया है। जिनमे से सिर्फ रामाशीष गौतम को सुकरौली ब्लाक में तैनाती मिली है। बाकी अन्य चार लोग अभी भी ब्लाक में होने वाली अपनी तैनाती की बाट जोह रहे है।

अभी हाल ही में जनपद के सीडीओ का प्रभार ग्रहण करने वाली तेज तर्रार अधिकारी अनुपूर्णा गर्ग के बारे में यह चर्चा है कि वह एक एक चीज का बारीकी से सुपरविजन कर कर रही है। अगर उनकी नजरो में यह प्रकरण आ गया तब तो गहन जांच और कार्रवाई दोनो तय है और नही तो बाकी सब जैसे चल रहा है वैसे ही चलता रहेगा।

डीपीआरओ बोलेे


इस मामले में डीपीआरओ का कहना है कि पूरे सूबे के 175 क्षेत्र पंचायत में ऐसा मामला था जिसे शासन से मिले निर्देश के क्रम में अब संयुक्त खाता करवा दिया गया है इसमे वित्तीय अनियमितता जैसा कोई मामला नही है।

शासनादेश में कुल 14 बिंदुओं पर निर्देश जारी किया गया है और अगर 13 अन्य बिंदुओं का अभी तक इम्प्लीमेंट नही हुआ तो एक बिंदु को लेकर परेशानी समझ से परे है। शासनादेश में यह गजट है कि मनरेगा की कन्टेंजेन्सी का खाता बीडीओ और एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होगा अगर वह अनियमितता है तो यह भी अनियमितता है।

जहाँ तक रेग्युलर और प्रभारी एडीओ पंचायत का सवाल है तो कोरोना काल मे जब तक नए लोग जाकर काम समझेंगे तब तक काम प्रभावित होगा जैसे ही स्थिति सामान्य होगी प्रभारी लोगो को हटाकर रेग्युलर लोगो को चार्ज दे दिया जाएगा।

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