कोरोना की कहानी कोरोना चैंपियंस की जुबानी

कोरोना उपचाराधीन का तिरस्कार न करें बल्कि उनका सम्मान और सहयोग करेंफतेहपुर, जनपद में पिछले कुछ दिनों में कोरोना उपचाराधीन के मामले बढे है। सावधानी बरतने के बाद भी शहर से गाँवों तक कई लोग रोज इसकी चपेट में आ रहे हैं। जनपद में थरियांव स्थित हास्पिटल में कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा

कोरोना उपचाराधीन का तिरस्कार न करें बल्कि उनका सम्मान और सहयोग करें
फतेहपुर, जनपद में पिछले कुछ दिनों में कोरोना उपचाराधीन के मामले बढे है। सावधानी बरतने के बाद भी शहर से गाँवों तक कई लोग रोज इसकी चपेट में आ रहे हैं। जनपद में थरियांव स्थित हास्पिटल में कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। जहाँ डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात मरीजों के इलाज और देखभाल में जुटे हैं। उनका यही जज्बा है

जिसके कारण जनपद के अधिकाँश मरीज कोरोना से सफल जंग जीत कर अपने घर वापस लौट पाए हैं। हांलाकि इस जंग में हमारे कई डॉक्टर योद्धाओं और स्वास्थ्य कर्मियों को भी कोविड-19 शिकार होना पड़ा है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम कोरोना से जंग जीत चुके और उसमें जुटे सभी योद्धाओं का सम्मान करें और उनका मनोबल बढाएं। उनके या उनके परिवार वालों के साथ किसी तरह का भेदभाव न करें। कोरोना उपचाराधीन, संभावित संक्रमण वाले व्यक्ति व स्वास्स्थ्य कर्मियों के प्रति भेदभाव न हो, इसके लिए सरकार भी लोगों को जागरुक कर रही है। कोरोना से जंग जीत चुके डॉक्टर बता रहे हैं कि इस मुश्किल वक्त में हमें किन चीजों का ध्यान देना चाहिए।
वायरस नहीं करता किसी के प्रति भेदभाव, आप भी न करें- डा पीके गुप्ता जिला महिला चिकित्सालय के सर्जन डा पीके गुप्ता करीब दो हफते पहले कोरोना से उपचाराधीन हुए जिसके बाद वे तुरंत थरियांव स्थित कोविड हास्पिटल में जाकर भर्ती हो गये। इसके बाद दोबारा जांच कराने पर उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के लक्षण आम सर्दी जुकाम से काफी जटिल हो सकते हैं। इसलिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखकर और सब सावधानियां बरतकर ही इसे हराया जा सकता है। आइसोलेशन में रहने के दौरान सकारात्मक रवैया रखें। समय बिताने के लिए अपनी पसंद के मुताबिक किताब पढना, संगीत सुनना आदि कर सकते हैं जिससे मानसिक तनाव न हो। ऐसे में एक जरूरी ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोरोना वायरस किसी के प्रति भेदभाव नहीं करता। यह आज किसी और को हुआ है तो कल आपको भी हो सकता है। इसलिए कोरोना उपचाराधीन का तिरस्कार कर उनसे दूरी न बनाएं। बल्कि उनका सम्मान और सहयोग करें। इससे मरीजों को बीमारी से लड़ने की ताकत मिलेगी।
कोरोना हुआ है तो घबरायें नहींखागा के रहने वाले सुमित सिंह 3 जुलाई को कोरोना पाजिटिव हो गये थे। इसके बाद उन्होंने तत्काल अपने आपको कोरेंटाइन करते हुये थरियांव स्थित हास्पिटल में जाकर भर्ती हो गये। करीब दस दिनों तक उन्होंने इलाज कराया और दोबारा टेस्ट कराने पर उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने बताया कि कोरोना पाजिटिव होने के बाद एक बार बिल्कुल निराश हो गया था लेकिन हास्पिटल जाकर भर्ती हो गया। यहां पर डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों नेे बेहतर इलाज के साथ हौसला बढाया। अब बिल्कुल ठीक हूं और लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहा हूं। 
कोविड-19 को मात दे चुके लोगों से नहीं है संक्रमण का खतरा फतेहपुर। थरियांव स्थित कोरोना हास्पिटल के प्रभारी डा अनुपम का कहना है कि थोडी सावधानी बरत कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोविड 19 को मात दे चुके लोगों से संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। इसलिये भ्रांतियों से दूर रहें और साफ सफाई का ध्यान देते हुये सतर्क रहे।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel