सऊदी अरब में सम्मानित हुई कुशीनगर की प्रतिभा
विशुनपुरा बुजुर्ग के डॉ अबुल कलाम के हुनर को मिला मुकाम
स्वतंत्र प्रभात-
पडरौना, कुशीनगर।
Read More Payal Gaming Viral Video: पायल गेमिंग का कथित प्राइवेट वीडियो असली या डीपफेक? जानें पूरा मामला सऊदी अरब के किंग खालिद यूनिवर्सिटी ने कुशीनगर के होनहार व विशुनपुरा बुजुर्ग निवासी डॉ अबुल कलाम को साइन्टिफिक रिसर्च के लिए सम्मानित किया है। कुशीनगर के विशुनपुरा ब्लॉक के विशुनपुरा बुजुर्ग (नोनिया पट्टी) निवासी डॉ अबुल कलाम गन्ना विभाग से सेवानिवृत्त अब्दुल मजीद अंसारी के बड़े बेटे हैं। डॉ अबुल कलाम की उच्च शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई ।
उन्होने रसायन शास्त्र में शोध करके पीएचडी की डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त किया । यह अपनी विद्वता और लगन के बल पर शिक्षा के क्षेत्र में लगातार उच्च मुकाम की ओर अग्रसर रहे। इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में बतौर गेस्ट फेकल्टी शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया। डॉ कलाम का चयन 2009 मे सऊदी अरब स्थित किंग खालिद युनिवर्सिटी के रसायन शास्त्र विभाग मे असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ। अपनी विद्वता,लगन और शोध की दक्षता के कारण प्रोन्नत होते रहे।
वर्तमान मे डॉ अबुल कलाम एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है और सोलर सेल के क्षेत्र में लगन से कार्य कर रहे हैं । उनके 100 से अधिक शोध अंतर्राष्ट्रीय जरनलों में प्रकाशित हो चुके है तथा पाँच अमेरिकन पेटेंट हो चुके है। 30 मार्च 2022 को किंग खालिद युनिवर्सिटी सऊदी अरब में डा ० अबुल कलाम को साइन्टिफिक रिसर्च के लिए पेटेन्ट के क्षेत्र में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
जिससे उन्होंने भारत का नाम भी गौरवान्वित किया है। इस उपलब्धि पर पिता अब्दुल मजीद अंसारी समेत गांव, जवार और जनपद में खुशी की लहर है। युवाओं के लिए नजीर बने डॉ अबुल कलाम ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता समेत गुरुजनों को दिया है।

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