
गरीब को नहीं मिल रहा आवास का लाभ जांच में कच्चे घर को बताया पक्का
गरीब को नहीं मिल रहा आवास का लाभ जांच में कच्चे घर को बताया पक्का
अधिकारी खेल रहे जांच का खेल अधिकारियों की अनदेखी का नतीजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा
रायबरेली।
डलमाऊ पीएम आवास योजना के जरिए हर गरीब को छत मुहैया कराने का दावा किया गया था वही योजना रास्ते से भटकी नजर आ रही है यूं कहें कि अपने फायदे के लिए लोगों ने इसे रास्ते से भटका दिया है लाभार्थी अभी भी उम्मीद भरी निगाहों से देखे जा रहे हैं कि कभी तो किसी की नजर उन पर पड़ेगी कभी तो उनके सिर पर छत आएगी जबकि प्रधानमंत्री उज्जवला से लेकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिलने वाला शौचालय तक गरीब को मयस्सर नहीं है।
एक ऐसा ही मामला डलमऊ तहसील क्षेत्र के पूरे नेवाज गंज का सामने आया जहां पर माया देवी पत्नी रंजीत खटीक जो एक गरीब परिवार है किसी तरह मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं जो कि भूमि हीन है। दी गई जानकारी के अनुसार प्रार्थी ने पहले भी प्रधानमंत्री आवास योजना में ऑनलाइन कराया था जिसका सूची में नाम भी था लेकिन राजनीति खेल के कारण आवास का लाभ नहीं मिल सका तो प्रार्थी ने इसकी शिकायत जनसुनवाई प्रणाली उत्तर प्रदेश में किं जिसकी जांच ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार से कराई गई तो ग्राम विकास अधिकारी ने झोपड़ी में जीवन यापन कर रहे परिवार को अपनी जांच में महलों तक पहुंचा दिया जबकि वर्तमान स्थिति यह है कि परिवार छप्पर के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है।
इन योजनाओं से कोई करिश्माई बदलाव नहीं हो रहा इसके पीछे लाचार प्रशासनिक व्यवस्था को जिम्मेदार माना जा सकता है क्योंकि जब तक इन योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचेगा तब तक स्थित जस की तस बनी रहेगी देश के प्रधानमंत्री एक सपना संजोए थे कि हर गरीब के सर पर छत हो मगर पीएम आवास योजना में अधिकारियों की अनदेखी का नतीजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है आज भी अपनी टूटी झोपड़ी से गरीब आसमान को निहारने के लिए मजबूर है जहां बारिश का सीजन आ गया है और सालो से उनकी कच्ची झोपड़ी पर छत नहीं पढ़ पाई है। जिसका मुख्य श्रेय ग्राम विकास अधिकारी को जाता है जो सांठगांठ का खेल रचा के पात्र को अपात्र बता दिया
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