विभिन्न समस्याओं को लेकर गौशाला संचालकों का प्रदर्शन

विभिन्न समस्याओं को लेकर गौशाला संचालकों का प्रदर्शन

सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा


स्वतंत्र प्रभात-

बांदा।

अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मंगलवार को गौशाला संचालकों ने अपनी कई सूत्रीय मांगांे का मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की है। ज्ञापन में भूसा की धनराशि में बढ़ोत्तरी सहित कई अन्य मांगे भी शामिल हैं।
डीएम को दिये ज्ञापन में गौशाला संचालकों ने बताया कि प्रदेश में संचालित गौशालाओं के लिए 30 प्रति गोवंश भूसा के लिए अनुदान मिलता है जो बहुत ही कम है भूसा मंहगा हो गया है, यह धनराशि बढ़ाकर 50 प्रति गोवंश किया जाये । गौसेवक व चरवाहा का भुगतान मनरेगा से या किसी अन्य मद कराया जाये वह भी प्रतिमाह भुगतान हो।

मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणायं ग्राम पंचायतो/प्रधानों के अधिकार आदि के सम्बंध में लखनऊ मे बुलाकर की गयी थी। उनको शीघ्र पूरा किया जाये। किसी कार्य को पूरा होने पर तत्काल 3 दिन मे उसकी एमबी होना और हर दशा मे एमबी के बाद 3 दिन मे ही भुगतान किया जाना चाहिए ऐसा आदेश निर्गत किया जाये। ब्लाक स्तर मे सचिवों का स्थानान्तरण या समायोन का अधिकार पूर्व की भांति खण्ड विकास अधिकारी को ही दिया जाये। इस भीषण गर्मी मे कच्चे कार्यों हेतु मिट्टी होने के कारण मजदूर समय पर न हो पा रहे है व मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है।

अतः ऐसी परिस्थिति में कोई भी मिट्टी की खुदाई मशीनों से किये जाने की अनुमति दी जाये किसी अन्य विभाग आदि ग्राम पंचायत क्षेत्र में तालाब रास्ता मरघट आदि ग्राम समाज की भूमि पर जो अवैध कब्जा है उसका सर्वे लेखपालों द्वारा कराकर जमीन को खाली कराई जाये अतिक्रमण हटवाने की जिम्मेदारी राजस्व विभाग की होनी चाहिए। भूमि प्रबन्धन समिति की बैठक 3 माह मे अनिवार्य रूप से कराई जाये तथा लेखपालो को स्पष्ट निर्देश दिये जाये। शौचालय मे नियुक्ति समूह कर्मियो को ग्राम पंचायत की शिकायत पर हआया जाये नई नियुक्ति ग्राम पंचायत प्रस्ताव पर ही की जाये बिना प्रधान की संस्तुति या उपस्थिति प्रमाणित किये बिना मानदेय न दिया जाये।

तालाबो मे मछली पालन व सिंघाड़े के पट्टे ग्राम पंचायत समिति द्वारा प्रस्ताव के द्वारा किया जाये और प्रस्ताव के द्वारा ही निरस्तीकरण ही किया जाये।
पूर्व निर्गत शासनादेशो जैसे सरकारी दफतरों मे प्रधानों का सम्मान किया जाना इनकी बात प्राथमिकता से सुनना राशन कोटे दुकान शिक्षा मे स्कूलों का निरीक्षण स्थानीय सभी विभाग के ग्राम पंचायत के स्तर के कर्मियों की उपस्थिति का सत्यापन शस्त्र लाइसेंस देने में प्राथमिकता दि का अनुपालन अधिकारियों द्वारा अभी नहीं किया जा रहा हैं जबकि सभी का शासनादेश है पुनः इस सम्बंध में पत्र लिखे जाये। ग्राम पंचायत की बैठकों का भत्ता प्रधान का किराया भत्ता कन्टेन्सी का व्यय मानदेय आदि का भुगतान शासनादेश के बावजूद सचिवों द्वारा नहीं किया जा रहा है।

जो किया जाये। निर्माण कार्य मे शिडयूल रेट एवं स्थानीय रेट मे भारी अन्तर है अतः स्थानीय रेट के आधार पर सामग्री स्थानीय रेट पर कय करने की अनुमति प्रदान की जाये। ज्ञापन देने वालों में चन्द्रदेव, लाला भइया आदि शामिल रहे।

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