एक परिवार के कारण खेलेगा एलडीए कॉलोनी के हजारों व्यक्ति जलभराव की समस्या

एक परिवार के कारण खेलेगा एलडीए कॉलोनी के हजारों व्यक्ति जलभराव की समस्या

वाह रे वाह कॉलोनी नंबर L1/312 निवासी कमलेश वर्मा का निर्माण


इधर भी नजर डालें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और देखें एलडीए की उत्तम कार्रवाई

अमित शाह जी जहां जनता की समस्याओं को लेकर स्वयं हाथ जोड़ रहे हैं वही जनता है कि यहां मूलभूत समस्याओं से त्रस्त है

अवैध कब्जे को ले लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बढ़ती सक्रियता

एलडीए के जेई संजय शुक्ला ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

नाली के विकास के लिए नेता मंत्री वोट मांगते हैं या विकास ठप को करने के लिए

जब मुख्तार अंसारी जैसे भू माफियाओं की वाहवाही की दाल नहीं तो क्यों एलडीए इसका भी ध्वतीकरण की नोटिस क्यों नहीं जारी करता, आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है

बेखौफ कमलेश वर्मा कॉर्नर का मकान की आड़ में डेढ़ से दो फीट नाली की जगह में अवैध कब्जा कर अपनी 3 मंजिला इमारत खड़ा करना पड़ा महंगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण जॉन दो के जेईई संजय शुक्ला ने जारी की कारण बताओ नोटिस 8 तारीख को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए पेशी की तारीख निश्चित की गई है


जी हां बता देगी मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एलडीए  प्रियदर्शनी कॉलोनी का है जी हां बता दें कि कॉलोनी नंबर L1/312 निवासी कमलेश वर्मा जो की पैसे से सरकारी अध्यापक है। इन्होंने अपनी तीन मंजिला आवाज को मानक के विहिप बुलंद इमारत के रूप में डाल रखे हैं तो वही कर्नल की कॉलोनी का फायदा उठा कर नाली की जगह पर लखनऊ विकास प्राधिकरण को चूना लगाकर भारत के राजस्व को हानि पहुंचा रहे हैं। लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण के आला अधिकारी भी मामले को सक्रियता से ले उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 25 के अंतर्गत कार्रवाई की नोटिस जारी की है जिसके तहत 8 मार्च 2022 की उपस्थिति में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

कमलेश वर्मा लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा भेजी गई नोटिस में दर्शाया गया कि लगभग 1000 स्क्वायर फीट भूखंड क्षेत्रफल में जी 3 तलो तक पाठ पूर्व में निर्माण कार्य समस्त सेट बैक कवर करते हुए कराया गया मौके पर कोई स्वीकृत मानचित्र समीक्षा अभिलेखों की छाया प्रति नहीं दिखाई गई स्थल का अध्ययन फोटोग्राफ संलग्न है।

समझ में नहीं आ रहा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण जहां कारवाई तो कर रहा है किंतु पूरी जांच पड़ताल करे बिना भेजी गई नोटिस में दर्शाया गया कि लगभग 1000 स्क्वायर फीट भूखंड क्षेत्रफल में जी 3 तलो तक पाठ पूर्व में निर्माण कार्य समस्त सेट बैक कवर करते हुए कराये जाने कि जिक्र किया लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक असल बात यह है कि पूर्व में यह मकान एक मंजिल ही बना हुआ था जिसके बाद इसके खरीददार कमलेश वर्मा जी द्वारा इसमें 3 मंजिला इमारत का निर्माण स्वयं कराया और यह बात भेजी गई नोटिस में नहीं दर्शाया गया।

अवैध कब्जे को ले लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बढ़ती सक्रियता

नोटिस मैं साफ तौर से दर्शाया गया कि पथ के निर्माण के विरुद्ध उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 27 (1) के अंतर्गत कार्रवाई प्रस्तावित है प्राधिकारी विकास प्राधिकरण लखनऊ में दिनांक 8-3-2022 को 11:00 बजे उपस्थित होकर कारण जवाब साथ सहित बताएं जानने का आदेश जारी किया गया है जिसके चलते अनुपस्थिति होने की दशा में निर्माण को गिराने का आदेश कर दिए जाने की भी घोषणा की गई है।

यही नहीं आलम यह है कि भेजी गई नोटिस के दौरान कहा गया कि अधिनियम धारा 14 से अधिक विकास प्राधिकरण को अनुज्ञा के बिना निर्माण कार्य करने के लिए अर्थ दंड के भागी हो सकते हैं जोकि रु 50,000 तक जुर्माना देय हो सकता है और जारी रहने वाले अपराध की दशा में अतिरिक्त जुर्माना जो उस प्रत्येक दिन के लिए जिस दौरान ऐसा अपराध उसके अपराध के प्रथम बार किए जाने के लिए दो शब्द के पश्चात जारी रहता है तो 2500 तक भुगतान दंड नहीं हो सकता है

एलडीए ने हो रहे नाली के विकास को बंद करने के आदेश दे दिए

अब समस्या यह है कि प्राधिकरण द्वारा नोटिस में 50000 तक जुर्माना व 2500 भुगतान दंड देने की बात तो कहकर एलडीए ने पल्ला झाड़ लिया लेकिन उन हजार लोगों के बारे में जैसे ही सोचा जिनके घरों के सामने नालियों का जलभराव किस कदर उबाल मारेगा उन लोगों के बारे में सरसों नहीं सोचा कि किस कदर लोग गंदे पानी में मंडराते मच्छरों से कैसे बीमारियों का शिकार होंगे क्या कोरोनावायरस घातक बीमारियां चल रही है

 तो एलडीए है कि डेंगू की बीमारी को भी दावत देने का काम कर रहा है जिसके करण सिर्फ एक परिवार के चलते उन हजारों लोगों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा जिनके कालोनियों के सामने से नदी की निकासी है यह तब है कि जब एलडीए ने हो रहे नाली के विकास को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। ऐसे ऐसे में क्या अब जनता को न्याय के लिए सिर्फ कोर्ट का दरवाजा ही खटखटाना पड़ेगा। 

समझ में नहीं आ रहा है कि जब एक परिवार के वजह से जो कि अवैध कार्य कर हजारों लोगों को समस्या दे रहा है तो क्यों उसके धरती करण का आदेश आईडी नहीं जारी कर रहा है इसके पीछे ऐसी क्या वजह है जो वशीकरण का आदेश जारी करने से पीछे हट रहा है आखिर किसका हाथ है किसका सपोर्ट है और किसका नाम है कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों के चलते आज लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी भी सवालों के लाल घेरे में आते जा रहे हैं और देखना यह है कि इन सब कार्य प्रणालियों के चलते क्या चुनाव में भी कुछ बदलाव होते हैं या सिर्फ सिर्फ हवा हवाई ही है

नाली के विकास के लिए नेता मंत्री वोट मांगते हैं या विकास ठप को करने के लिए

अमित शाह जी जहां जनता की समस्याओं को लेकर स्वयं हाथ जोड़ रहे हैं वही जनता है कि यहां मूलभूत समस्याओं से त्रस्त है और जेएक्सईएन समेत अन्य एलडीए के आला अधिकारियों समेत कुछ हजार का दंडनीय सुर्खी नोटिस जारी कर हजारों लोगों की समस्याओं को अनदेखा कर नाली बंद कराने का काम कर दिया है समझ में नहीं आ रहा है कि नाली के विकास के लिए नेता मंत्री वोट मांगते हैं 

या विकास ठप को करने के लिए वोट मांगते हैं अगर ऐसा है तो कारण बताओ नोटिस में स्पष्ट जवाब मांग कर जनता को स्पष्ट बताने का कार्य किया जाना चाहिए और कोर्ट को भी नोटिस जारी कर एलडीए के वीसी से जवाब तलब कर ध्वतीकरण जारी न किए जाने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी की जानी चाहिए।

जब मुख्तार अंसारी जैसे भू माफियाओं की वाहवाही की दाल नहीं गली और अवैध इमारतों को धराशाई कर दिया गया तो ऐसी क्या वजह है जो लखनऊ विकास प्राधिकरण इस कॉलोनी को अवैध तरीके से बनी जिसका ना कोई नक्शा है और ना कोई मानक तो क्यों ना इसका ध्वतीकरण की नोटिस जारी की जाए

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