
जाँच में भ्रष्टाचार की पोल खुलता देख पूर्व प्रधान अपने करतूतों पर तेजी से डाल रहा पर्दा
पशु सेड के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत
गोण्डा - विकास कार्यों में जमकर किये गए घोटाले की लोकायुक्त के निर्देश पर हो रही जाँच में फसता देख पूर्व प्रधान जाँच अधिकारियों की मदद से अपने करतूतों पर तेज़ी से पर्दा डाल रहा हैं।
मिली जानकारी अनुसार पूर्व प्रधान के कार्यकाल में कराए गए पशु सेड के निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद माननीय लोकायुक्त के निर्देश पर जनपद स्तरीय टीम की जांच में फसता देख पूर्व प्रधान अब अपने करतूतों को छुपाने के लिए अपने कार्यकाल में कराए गए पशु सेड का पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है। इस बावत शिकायतकर्ता ने डीएम को शिकायती पत्र देकर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।
बताते चले कि मनकापुर विकास खण्ड के गुनौरा गांव निवासी राम प्रसाद ने लोकायुक्त को शिकायती पत्र लिख कर ग्राम सभा में विकास कार्यों में जमकर हुए भ्रष्टाचार के जांच की मांग की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए माननीय उप लोकायुक्त ने उच्चस्तरीय जांच करा कर जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगा था। इस बावत जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी थी।
जिसमें जांच टीम के मौका मुआयना के दौरान तमाम अनियमितताएं सामने आई थी। लेकिन जांच टीम के जाने के बाद ही पूर्व प्रधान द्वारा पूर्व में कराए गए पशु सेड निर्माण का पुनर्निर्माण शुरू करा दिया गया है। वही शिकायतकर्ता के द्वारा समस्त बिंदुओं पर जांच नही की गई। इन तथ्यों को लेकर शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से मिल कर उचित कार्यवाही की मांग की है।
दिए गए शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता का आरोप है कि हो रही जांच में जांच अधिकारियों द्वारा आधी-अधूरी जांच की गयी प्रार्थी के पूछने पर जांच टीम के अधिकारियों ने बताया कि आपकी शिकायत के कुछ बिन्दु की जांच दूसरी टीम कर रही है।
लेकिन आज तक न तो दूसरी टीम जांच करने आई और न ही शिकायतकर्ता को जांच के सम्बंध में कोई सूचना दी गई। जांच टीम द्वारा पशु सेड निर्माण की आंशिक जांच कर मामले को इतिश्री कर दी गई। कई अपात्र लोगों को पशु सेंड का लाभ दिया गया जो मनरेगा गाइडलाइन के विपरीत हैं।
अपात्रों के प्रकरण में किसी प्रकार की जांच नहीं की गई है। तालाब में पानी भराई के नाम पर 15 वर्ष पूर्व मृतक रामरूप के नाम धन निकाला गया जिसकी कोई जांच नहीं की गई। ऐसे ही शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र में कई बिन्दु है जिसकी कोई जांच नहीं की गई है। शिकायतकर्ता ने डीएम से निवेदन करते हुए कहा की शिकायती पत्र में अंकित सभी बिन्दु की जांच कराने की कृपा करें। जनहित में आवश्यक है।
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