अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पीड़ित का गिरा घर

अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पीड़ित का गिरा घर


स्वतंत्र प्रभात

भीटी अंबेडकर नगर। विगत 1 वर्ष से नाभदान बंद किए जाने की शिकायत को लेकर गरीब निरीह ब्राह्मण परिवार ने ब्लॉक और तहसील एवं जिला स्तर के सभी अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देते हुए माननीय उच्च न्यायालय तक अपील दायर कर नादान खुलवाए जाने की अपील की लेकिन आज तक उसका निर्णय नहीं हुआ। जबकि इस गरीब परिवार का रहने का कच्चा मकान आज कई दिनों से घर में पानी लगने के कारण आखिरकार ढह गया पीड़ित की बहू मरते-मरते बची। उसके पैर में चोट आई। लेकिन उसे आज तक न्याय प्रशासन दिला नहीं पाया अभी भी धारा 133 का मुकदमा उपजिलाधिकारी भीटी की अदालत में विचाराधीन है।

    मिली जानकारी के अनुसार भीटी थाना क्षेत्र के सुदामा पुत्र त्रिलोकी पांडे निवासी बेला गजपति ने अपने नाभदान दबंगों द्वारा बंद किए जाने की शिकायत एडीओ पंचायत भीटी खंड विकास अधिकारी भीटी तहसीलदार भीटी उप जिलाधिकारी भीटी मुख्य विकास अधिकारी अंबेडकर नगर जिला पंचायत राज अधिकारी अंबेडकर नगर जिला अधिकारी अम्बेडकर नगर से किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद मंडल स्तरीय अधिकारियों से शिकायत करते हुए हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उसके बाद भी पीड़ित का नाम दान प्रशासन खुलवा नहीं पाया।

जांच में दबंगों की गलती पाए जाने के बाद भी प्रशासन नादान को खुलवा नहीं पाया घर में धीरे-धीरे पानी इकट्ठा होता रहा और बरसात होने के कारण भारी मात्रा में जलजमाव हो गया जिसके परिणाम स्वरूप आज पीड़ित का मकान पूरी तरह से धराशाई हो गया अब पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है आज पीड़ित सुदामा पांडे के द्वारा थाना भीटी में अशोक पांडे रामसहाय पांडे संदीप पांडे पुत्र शालिक राम पांडे के विरुद्ध प्रार्थना पत्र देकर मकान गिराने का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई है।

दी गई तहरीर में पीड़ित ने आरोप लगाया है कि दबंग किस्म के लोगों के द्वारा उनका नाम दान बंद किया गया उन्हें गंदी गंदी गालियां दी गई बार-बार मारने की धमकी दी गई और उनके द्वारा जितना भी प्रार्थना पत्र दिया गया उस पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। अब देखना है कि मकान बिहीन हो जाने और खुले आसमान के नीचे आने के बाद इस पीड़ित परिवार को प्रदेश की योगी सरकार और जनपद के जिला अधिकारी क्या न्याय दिलाते हैं समाचार प्रेषण तक थाने पर इस संबंध में कोई एफ आई आर दर्ज नहीं हुई थी।

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