गड्ढों में सड़क या सड़क पर गड्ढा देखना है,तो यहां आइए बाबू साहब

बदहाल हुई सड़कें,गड्ढों में कैसे चले लोग!! गड्ढे वाली सड़क हादसे को दे रही दावत। लोगों ने जल्द बनवाए जाने की उठाई मांग। ।।अनुराग शर्मा।। बहराइच। ब्लाक मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़कें बदहाल हो चुकी हैं। इन पर चलना खतरे से खाली नहीं है।बरसात में तो स्थिति और नारकीय बन जाती है।सुगम आवागमन को हर

बदहाल हुई सड़कें,गड्ढों में कैसे चले लोग!!

गड्ढे वाली सड़क हादसे को दे रही दावत। लोगों ने जल्द बनवाए जाने की उठाई मांग।

।।अनुराग शर्मा।।
बहराइच।
ब्लाक मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़कें बदहाल हो चुकी हैं। इन पर चलना खतरे से खाली नहीं है।बरसात में तो स्थिति और नारकीय बन जाती है।सुगम आवागमन को हर रोज चुनौती मिल रही। सड़क पर अनेक अनियमित गड्ढे हैं। पैच कार्य उखड़ कर गायब हो गया है। कहीं-कहीं सड़क का अस्तित्व भी खत्म है।राह में बने गड्ढे बरसात के दिनों पानी से लबालब हो जाते हैं।तालाब जैसी शक्ल में सड़कें तब्दील हो जाती हैं। छोटे- बड़े सभी वाहन हिचकोले खा रहे हैं। कदम- कदम पर चुनौती है।
जोखिम भरी यात्रा करना सभी की मजबूरी बन गई है। सर्वाधिक दुर्गति दो पहिया और साइकिल सवारों की होती है। गड्ढ़ों में गिरकर चोटिल होना आम बात है।दरसअल हम बात कर रहे हैं।जनपद के विकास खण्ड शिवपुर मुख्यालय जाने वाले डामर मार्ग का।जो पूरा गढ्ढो में तबदील हो चला है।बेलहा बेहरोली तटबन्ध पर बना डामर मार्ग बेहडा बाजार से शिवपुर तक करीब 5 किमी सड़क गढ्ढो में तबदील हो चुका है। जबकि इस मार्ग पर बेहडा से नानपारा के लिए प्राइवेट बस, इक्का तांगा, सहित अन्य साधनों का आवागमन बना रहता है। बाढ़ जैसी आपदा के समय अफसरों की गाड़ियां भी फर्राटे भरते हैं।लेकिन गड्ढों के कारण समय से नहीं पहुंच पाते।
बेहडा निवासी उग्रसेन सिंह चौहान बन्धु ने बताया कि इस मार्ग पर बने गड्ढे मौत को दावत दे रहे है।अभी छः माह पूर्व नानपारा से बेहडा के लिए आ रही प्राइवेट बस जैसे शिवपुर  टिकान पुरवा के मध्य पहुँची बस का पट्टा दूटने से बस बांध के पूरब पलटकर नीचे चली गयी थी।जिसमे कई यात्री घायल हुए थे।जबकि बेहडा निवासी खैरीघाट थाने का चौकीदार को गम्भीर चोटे आने से मेडिकल कालेज लखनऊ भेजा गया था। जहाँ इलाज दौरान मौत हो चुकी है। वावजूद इसके अभी तक इस टूटे डामर मार्ग की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। क्षेत्रिय अवाम ने इस मार्ग को अविलम्ब बनाये जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।

About The Author: Swatantra Prabhat